काली-सहस्रनाम....
श्मशान-कालिका काली भद्रकाली कपालिनी । गुह्य-काली महाकाली कुरु-कुल्ला विरोधिनी ।।1।।
कालिका काल-रात्रिश्च महा-काल-नितम्बिनी । काल-भैरव-भार्या च कुल-वत्र्म-प्रकाशिनी ।।2।।
कामदा कामिनी कन्या कमनीय-स्वरूपिणी । कस्तूरी-रस-लिप्ताङ्गी कुञ्जरेश्वर-गामिनी।।3।।
ककार-वर्ण-सर्वाङ्गी कामिनी काम-सुन्दरी । कामार्ता काम-रूपा च काम-धेनु: कलावती ।।4।।
कान्ता काम-स्वरूपा च कामाख्या कुल-कामिनी । कुलीना कुल-वत्यम्बा दुर्गा दुर्गति-नाशिनी ।।5।।
कौमारी कुलजा कृष्णा कृष्ण-देहा कृशोदरी । कृशाङ्गी कुलाशाङ्गी च क्रींकारी कमला कला ।।6।।
करालास्या कराली च कुल-कांतापराजिता । उग्रा उग्र-प्रभा दीप्ता विप्र-चित्ता महा-बला ।।7।।
नीला घना मेघ-नादा मात्रा मुद्रा मिताऽमिता । ब्राह्मी नारायणी भद्रा सुभद्रा भक्त-वत्सला ।।8।।
माहेश्वरी च चामुण्डा वाराही नारसिंहिका । वज्रांगी वज्र-कंकाली नृ-मुण्ड-स्रग्विणी शिवा ।।9।।
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