कलयुग केवल नाम आधारा : सुमिर सुमिर नर उतरही पारा
कलयुग योग ना यज्ञ ना ज्ञाना : एक आधार राम गुण गाना
देश काल दिशि विधि शिहु माहीं : कहहु सो कहाँ जहाँ प्रभु नाही
नहीं कलिकर्म ना भगती विवेकु : राम नाम अवलम्बन एकु
सम जम नियम फूल फल ज्ञाना : हरि पद रति रस वेद बखाना
अगुण अरूप अलख अलख अज जोई : भगत प्रेम वश सगुण सो होई