बंधुओ
संसार से पार होने के कारण को तीर्थ कहते हैं। वस्तुत: तीर्थ हमारे हृदय में भरे हुए कलुषता एवं पाप रूपी मैल को धोने के लिए अमृतनीर के समान होते हैं। आज के इस आपाधापी भरे युग में जहां लोग अपना सुखचैन खोकर आकुलताओं से बेचैन हो रहे हैं तथा आत्महित से विमुख हो चुके हैं, ऐसे में इन लौकिक आकुलताओं से परे हटकर तीर्थयात्रा का संयोग मिलना अपने आप में मणिकांचन योग के जैसे पुण्यशाली तथा दुर्लभतम अवसर कहलाता है। परन्तु जीवन की व्यस्तता के कारण ऐसे अवसर बार बार जीवन में आना मुश्किल होता है तीर्थ दर्शन चैनल के माध्यम से आप घर बैठकर ही तीर्थ दर्शन का लाभ ले सकते है इसके लिए आप चैनल को सब्स्क्राइब करे और तीर्थ दर्शन का पुण्यार्जन् करे