भगवान भावना मे होते हम उन्हें जिस रूप मे पूजते हैं वे उन्हीं रूप मे हमे दर्शन देते हैं । या देवी सर्वभूतेषु विधा रूपेन संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो ।