आचार्य प्रशांत जी ने वेदांत भगवतगीता उपनिषदों और ऋषियों की बोधवाणी को पुनर्जीवित किया है उनकी वाणी सुनने मात्र से ही एक अलग प्रकार की अलौकिक शक्ति उत्पन होती है और हम गलत और सही की परख करना सीख पाते है ✍️
ज्ञान का मतलब सिर्फ किताबों को पढ़ना ही नही होता ज्ञान तो चेतना से आती है जीवन जीने के लिए अध्यात्म और आत्मज्ञान अत्यावश्यक है :-(आचार्य जी!!) के बोल🙏
आचार्य जी न केवल जनसमाज के हित के लिए बल्कि प्रकृति और पशुओं की रक्षा हेतु संघर्ष में लगे है🕊️
आचार्य जी देश की युवा पीढ़ी को एक नई और ज्ञान से भरपुर जीवन जीने वाले रास्ते की तरफ उनको ले चलने के पूरे प्रयास में है इनकी वाणी सुनते ही अंतर ज्ञान के द्वार खुल जाता हैआप भी हमारा इस संघर्षपूर्ण अभियान में साथ दे ताकि हम मिलकर देश पीढ़ी को एक नई दिशा की ओर ले चले /सर्वप्रथम राष्ट्रहित 🇮🇳🙏 🌺 एकता समाज की शक्ति है, और इसके बिना हम दुर्बल है। अत: देश के शुभ चिंतक एकता को प्रोत्साहन देते हैं। यदि आप देश के शुभचिंतक हैं तो हमारा साथ अवश्य देंगे मुझे विश्वास है!!