ब्रह्मचर्य ही जीवन का मूल आधार है।🔥
"हतो वा प्राप्यसि स्वर्गम्, जित्वा वा भोक्ष्यसे महिम्।
तस्मात् उत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चयः।"
ब्रह्मचर्य हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अहम हिस्सा है।
इसे अपनाना केवल हमारा कर्तव्य ही नहीं, बल्कि यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण नैतिक जिम्मेदारी भी है।
इसलिए मैं आप सभी से निवेदन करता हूँ कि इस पवित्र व्रत को अपने जीवन में जरूर अपनाएं।
मुझे पूरा विश्वास है कि कुछ ही समय में आपका जीवन पूरी तरह से रूपांतरित हो जाएगा, और यह एक सच्चा वादा है।💪🏻
मित्र, यदि आप मुझे इस मार्ग में समर्थन देंगे, तो हम सभी मिलकर अपने भारत को प्रगति की ओर बढ़ाकर, एक सुखमय और समृद्ध जीवन सुनिश्चित कर पाएंगे।