BAPU KA सपना

ना रात दिखाई देती है...

ना रात दिखाई देती है, ना दिन दिखाई देते हैं
पिता को बस परिवार के हालात दिखाई देते हैं


परिवार के चेहरे पे ये जो मुस्कान हंसती है
पिता ही है जिसमें सबकी जान बसती है

पिता हारकर बाज़ी...

पिता हारकर बाज़ी हमेशा मुस्कुराया
शतरंज की उस जीत को मैं अब समझ पाया


न हो तो रोती हैं ज़िदे, ख्वाहिशों का ढेर होता है
पिता हैं तो हमेशा बच्चो का दिल शेर होता है

मेरा साहस मेरी इज्जत...

मेरा साहस मेरी इज्जत मेरा सम्मान है पिता
मेरी ताकत मेरी पूँजी मेरी पहचान है पिता
घर की इक-इक ईट में शामिल उनका खून पसीना
सारे घर की रौनक उनसे सारे घर की शान पिता
मेरी शोहरत मेरा रूतबा मेरा है मान पिता
मुझको हिम्मत देने वाले मेरा हैं अभिमान पिता
सारे रिश्ते उनके दम से सारे नाते उनसे हैं
सारे घर के दिल की धड़कन सारे घर की जान पिता
शायद रब ने देकर भेजा फल ये अच्छे कर्मों का
उसकी रहमत उसकी नेमत उसका है वरदान पिता