Sharad Sir

एक सफ़र शुरू हुआ है, चलो साथ मिल कर चलते हैं। आज उनका हाथ पकड़ते हैं, जो किताबों से डरते हैं। तुम साथ खड़े रहना बस, हाथ काँधे पर हम रख देंगे, उसकी आँखो की ना उम्मीदी को हम अच्छे से पढ़ लेंगे। कितना अच्छा होगा वो लम्हा भी, जब वो ख़ुशी से झूम उठेगा। सब को सुनाएगा शौर मचा कर, जब डर उसका दूर होगा। वह अब वो सब कर सकेगा जिसपर उसका हक़ था, इन सवालों का डर बस इतनी ही देर तक था। आज वह भी मुस्कुराते हुए खुद से आँखें मिलाएगा, पीछे मुड़ेगा तो मुस्कुराता हुआ हमें पाएगा।

DEAR SHARAD SIR एक इमोशन है जो शुरु हुआ है उन आँखों में देखने के बाद जो किताबों में रखा ज्ञान बटोरना तो चाहते हैं, मगर पैसे की कमी या किसी ओर वजह से उनको सीख नही पाते। हमारा मक़सद हर उस घर तक Study को पहुँचाना है जो समझते हैं कि पढ़ाई उनके लिए नहीं बनी।

आप लोगों से Request है कि आप अपना प्यार हम पर एसे ही बनाए रखें और हमारी मदद करें एसे लोगों तक पहुँचने में, जो मदद की उम्मीद रखते हैं। Thank You

Team "DEAR SHARAD SIR"