"परोपकाराय फलन्ति वृक्षा: परोपकाराय वहन्ति नद्य:।
परोपकाराय दुहन्ति गाव: परोपकाराय इदं शरीरम्।।"
अर्थ: "परोपकार के लिए पेड़ फल लाते हैं, परोपकार के लिए नदियाँ बहती हैं, परोपकार के लिए गायें दूध देती हैं, इस तरह हमारे शरीर का उपयोग भी परोपकार के लिए है।"
भागवत गीता - ✒️संवाद रचना: ऋषि व्यास
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" बाहरी जीवों और पंछियों को पानी और छाया प्रदान करे |"
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