पूज्य श्री गुरुदेव जी की कृपा से और आप सभी श्रेष्ठ श्रोता भक्तगणों की कृपा से ही मैं इतना आगे बढ़ पाया हूँ। मेरे मरते दम तक मुझे आप सभी का आशीर्वाद इसी प्रकार सदैव प्राप्त होता रहे यही मेरी आशा है....
श्री भगवान द्वारा रचे गये माया चक्र को समझ पाना पूर्णतः असम्भव है।
इसलिए जब हम साधारण जीव को उचित और अनुचित क्या है इस तथ्य को विचार करने की क्षमता न हो पावे तब या समय के रहते ही वृथा प्रयास किये बिना उन परम् पिता परमेश्वर के शरण में चले जाना चाहिये।
श्री भगवान के श्री चरणों में अपने को बिना किसी अहं भाव के ही पूर्ण समर्पण कर देना ही सर्वश्रेष्ठ मार्ग है।
निवेदन-: श्री कृष्ण चैतन्य भागवत भक्त परिवार-
निवेदक- श्री मधुरेश जू महाराज-श्री प्रिया प्रेम धाम
श्री श्री बलराम जी के कलियुग अवतार श्री श्री नित्यानन्द प्रभु वंश अवतंश प्रभुपाद श्रीश्री रतन कृष्ण गोस्वामी जी महाराज के कृपा प्राप्त-:
सेवाधिकारी,कथा प्रवक्ता,भजन लेखक-गायक-श्रद्धेय श्री बाल्यभाव श्री बालकृष्ण भारद्वाज महाराज-सम्पर्क-सूत्र-: कॉल व्हाट्सएप-8979600653-श्री धाम वृन्दावन-मथुरा-उत्तरप्रदेश