भक्ति का मतलब है पूर्ण समर्पण। सरल शब्दों में हम कहते हैं कि हमारी आत्मा परमात्मा की डोर से बंध गई। ईश्वर के प्रति निष्ठापूर्वक समर्पित होने वाला स'चा साधक ही भक्त है।जब रास्तों पर चलते चलते मंजिल का ख्याल ना आये तो आप सही रास्ते पर है I"