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Скачать или смотреть केदारनाथ को क्यों कहते हैं ‘जागृत महादेव’ ? Kedarnath Jyotirlinga Of Lord Shiva

  • Rajveer Gangwar
  • 2018-05-19
  • 1226895
केदारनाथ को क्यों कहते हैं ‘जागृत महादेव’ ? Kedarnath Jyotirlinga Of Lord Shiva
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Описание к видео केदारनाथ को क्यों कहते हैं ‘जागृत महादेव’ ? Kedarnath Jyotirlinga Of Lord Shiva

#BhaktiSagar #Ramayan #Angad #ShriRam

बहुत समय पहले की बात है जब हमारे देश में बस, ट्रेन की अच्छी सुविधा उपलब्ध नहीं थी| अगर किसी को सफ़र करना होता था तो धनवान लोग बैलगाड़ी, घोड़े का सहारा लेते थे लेकिन गरीब लोगों के लिए पैदल यात्रा करना ही एक मात्र उपाय था| इसी समय एक निर्धन शिव भक्त ने भगवान् केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने का प्रण किया और पैदल यात्रा आरम्भ कर दी|

रस्ते में लोगों से पूंछ-पूंछ कर केदारनाथ धाम की ओर बढ़ने लगा| मन में शिव दर्शन की इच्छा लिए वह हमेशा शिव का ही स्मरण करता रहा| उसके घर से केदारनाथ धाम काफी दूर था| सफ़र करते करते 2 महीने बीत गए| जब वह केदारनाथ पहुंचा तो वहां बर्फ पड़ रही थी और ऐसा लग रहा था की मंदिर बंद है और वहां कोई भी नहीं|

आपको यह बता दूँ की केदारनाथ धाम के पट 6 महीने के लिए खुलते हैं और 6 महीने के लिए बंद हो जाते हैं| जब केदारनाथ धाम में बर्फ पड़ने लगती है तो मदिर के पट बंद कर दी जाते हैं|

वह निर्धन शिव भक्त जब केदारनाथ धाम पहुंचा तो वहां बर्फ पड़ने लगी थी और ठण्ड के मौसम की बस शुरुआत ही हुई थी| उसने देखा की मंदिर के पुजारी जी मंदिर के पट बंद करके अपने घर जा रहे थे| उसने तुरंत उस पुजारी जी से आग्रह किआ की उसे एक बार केदारनाथ महादेव के दर्शन करने दिया जाए| पुजारी जी ने उससे कहा की बीटा अब मंदिर के पट तो 6 महीने बाद ही खुलेंगे तुम 6 महीने बाद आना| ऐसा सुन कर शिव भक्त के आँखों में आंसू आ गए और मन ही मन वह बहुत परेशान हो गया|

उसने फिर से आग्रह किआ और पुजारी जी के पैर पकड़ लिए और गिडगिडाते हुए बोला “मैं बहुत दूर से आया हूँ 2 महीने पैदल चलकर और जगह-जगह रुक कर| मुझे महादेव के दर्शन करने दे दो|”

पुजारी जी ने एक न सुनी और उससे कहा अगर दर्शन करना है तो या तो 6 महीने बाद आना या तो यहीं 6 महीने तक रुक जाओ| लेकिन इस ठण्ड और बर्फ में तुम यहाँ एक रात भी नहीं रुक पाओगे, वापस लौट जाओ हम पट नहीं खोल सकते| दोस्तों अगर कोई धनवान व्यक्ति होता तो पट खुल भी सकते थे लेकिन उस निर्धन के लिए कौन पट खोलता|

केदारनाथ की बर्फीली ठण्ड में वह आदमी मंदिर के बहार बैठा शिव का स्मरण कर रहा था, रात होते ही ठण्ड और बढ़ गयी और अब उस जगह पर किसी मनुष्य के लिए एक पल ठहरना भी कठिन था, लेकिन वो बैठा रहा|

रात में एक अघोरी बाबा समान, एक आदमी उसके पास आया और उसको खाने के लिए खाना दिया और आग भी जलाई| उस अघोरी बाबा ने निर्धन शिव भक्त से कहा की तुम थक गए होगे एक काम करो मेरे पास थोड़ा खाना है, उसे खाकर आराम कर लो मैं आग लगे देता हूँ| शिव भक्त सचमुच बहुत थक चूका था उसने खाना खाया और आग की गर्माहट में उसकी नींद लग गयी|

दूसरी सुबह जब उसकी नींद खुली तो वह अघोरी बाबा वहां नहीं थे और बर्फ भी साफ़ हो चुकी थी, ऐसा लग रहा था जैसे सर्दियों का मौसम है ही नहीं| उसको आश्चर्य हुआ की केदारनाथ में तो लगातार 6 महीने बर्फ पड़ती है लेकिन अचानक ये क्या हो गया|

कुछ ही देर बाद उसने देखा की मंदिर के पुजारी जी अपने साथियों के साथ मंदिर की ओर चले आ रहे हैं| जब पुजारी जी मंदिर के पास पहुंचे तो शिव भक्त ने बड़ी ही जिज्ञासा से पूछा की “क्या मंदिर के पट आज ही खुल जाएँगे”|

तो पुजारी जी ने कहा की “हां आज 6 महीने की सर्दियों के बाद मंदिर के पट खुलेंगे” पुजारी जी पहले उस भक्त को पहचान भी नहीं पाए|

ऐसा सुन उस शिव भक्त ने कहा की “6 महीने बाद ! लेकिन आप तो कल ही मंदिर के पट बंद करके गए थे|”

ऐसा सुन पुजारी जी ने अपने दिमाग पर जोर डाला और कहा की “तुम तो वही हो न जो 6 महीने पहले दर्शन के लिए आए थे लेकिन पट बंद होने के कारण दर्शन नहीं कर पाए थे”

तब उस भक्त ने कहा की “पुजारी जी मैं तो कल ही यहाँ आया था और रात में यहीं सोया था और आज आप आ गए 6 महीने कहाँ से हो गए”

तब पुजारी जी को संदेह हुआ और उन्होंने उससे पूछा की बेटा रात में तुम्हारे साथ क्या हुआ था|

मासूम शिव भक्त ने सारी बात बताई की “रात में एक अघोरी बाबा मेरे पास आये उन्होंने मुझे खाना दिया, आग जलाई और मुझे सोने के लिए कहा”

पुजारी जी ने पूछा बेटा वो बाबा कैसे दिखते थे| शिव भक्त ने कहा “एक दम अघोरियों की तरह लम्बे-लम्बे बाल, हाँथ में त्रिशूल, माथे पर त्रिपुंड|”

बस इतना सुन कर पुजारी और उनके साथी उस शिव भक्त के चरणों में गिर गए और कहा “तुम धन्य हो तुम्हारे पास स्वयं महादेव आये थे और उन्होंने अपनी योग माया से तुम्हारे 6 महीने को एक रात में परिवर्तित कर दिया, काल खंड को छोटा कर दिया, यह सब तुम्हारी सच्ची भक्ति और श्रद्धा के कारण हुआ है| इतने वर्षों से हम में से कोई भी शिव के दर्शन नहीं पा सके लेकिन तुमको महादेव ने साक्षात् प्रत्यक्ष दर्शन दिए हैं और तुम्हारी रक्षा भी की है|”

दोस्तों यही कारण है की केदारनाथ को जागृत महादेव कहा जाता है| जो अपने भक्तों को बहुत जल्दी दर्शन देते हैं और उनके तीर्थ को आये लोगों की रक्षा भी करते हैं|

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