हरि ॐ!
सात्विक जीवन में आपका स्वागत है!
ब्राह्मे मुहूर्त बुध्येत स्वस्थो रक्षाऽर्थमायुषः ।
अच्छे स्वास्थ्य की इच्छा रखने वाले मनुष्य को ब्रह्मा मुहूर्त में निद्रा का त्याग करना चाहिए।
आज का हमारा विषय है ब्रह्म मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त क्या है?
किस समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है ?
क्यों ब्रह्म मुहूर्त में उठना स्वास्थ्य के लिए हितकर है,
किन्हें ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए, कब नही उठना चाहिए ।
ब्रह्म का अर्थ है ‘ज्ञान’ और मुहूर्त का अर्थ है ‘समय-अवधि’। पर जैसा अधिकतर लोग समझते है, ब्रह्म मुहूर्त subh 3 बजे 6 बजे या 4 बजे se 6 baje का समय नहीं है। ब्रह्म मुहूर्त जानने के लिए पहले जानते है की मुहूर्त क्या है।
मुहूर्त समय की एक ईकाई है यानी टाइम यूनिट जैसे सेकंड्स मिनट्स घंटे।
१ मुहूर्त में ५८ minute होते है यानी ब्रह्म मुहूर्त ५८ मिनिट की समय अवधि है, जिसकी शुरुआत होती है सूर्योदय से २ मुहूर्त यानी 96 मिनट्स पहले.
अगर सूर्योदय सुबह 6 बज के 36 मिनिट पर हो रहा है तो ब्रह्म मुहूर्त 96 मिनट पहले 5 बजे से शुरू होकर अगले 48 मिनट यानी 5:48 तक रहेगा
आप दुनिया के किसी भी शहर में हो , सूर्योदय के समय के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त काल का पता कर सकते है ।
अब देखते है की किन लोगो के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठना हितकर है, आयुर्वेद में कहा गया है
ब्रहम मुहुर्त उतिष्ठेत स्वास्थय रक्षार्थमायुषः ॥
ब्रह्म मुहूर्त काल में उठने से स्वास्थ्य और आयु की रक्षा होती है, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य की दृष्टि से, ब्रह्म मुहूर्त प्राणायाम, ध्यान, योग, भक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ समय है, इस समय हमारे मन और मस्तिष्क पर दुनिया के अलग अलग तरह के विचारो का और समस्याओं का प्रभाव सबसे कम होता है, और हम अपना ध्यान परमात्मा पर केंद्रित कर सकते है।
यदि आप विद्यार्थी है तो अध्ययन के लिए और कठिन चीज़ों को याद करने के लिए भी ब्रह्म मुहूर्त का समय उपयुक्त है क्योंकि आप सारा ध्यान पूरी एकाग्रता के साथ अध्ययन पर लगा सकते है ।
ब्रह्म मुहूर्त काल का उपयोग Self Assesment याँ स्वयं से साक्षात्कार के लिए भी किया जा सकता है, हमे किस दिशा में जाना है, वर्तमान में जीवन में क्या चल रहा है इन सब के आंकलन के लिए कुछ समय स्वयं के साथ बिताना भी जरूरी है।
स्वयं का आंकलन करने के बाद जहाँ भी आपको ऐसा लगता है की राजसिक और तामसिक गुणों की प्रवृत्ति आपके अंदर बढ़ रही है जैसे इर्ष्या, लोभ, मोह, आलस्य, द्वेष न सभी प्रवृतियों को रोकने पर विचार कर सकते है और प्राणायाम, ध्यान, परमात्मा के स्मरण द्वारा सात्विक गुणों को बढ़ा सकते है ।
अब सबसे महत्त्वपूर्ण यह जानना है की किन लोगो को ब्रह्म मुहर्ता में नहीं उठना है :
जिन लोगों में शारीरिक कमजोरी है, सुबह समय पर मल त्याग नहीं होता, जो रात में देर से सोते है, रात को देर से यानी 9 बजे के बाद भोजन ग्रहण करते है. इन सभी लोगों के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठने की अपेक्षा, सूर्योदय से कुछ समय पहले उठना बेहतर है ।
आयुर्वेद में ब्रह्म मुहूर्त में उठने का निर्देश स्वस्थ व्यक्तियों के लिए है, जो रात में सही समय पर सोते है, सुबह जिनका मल त्याग सही समय पर होता है और जिनका वजन अधिक है इन सभी लोगों का ब्रह्म मुहूर्त में उठना उत्तम है ।
ब्रह्म मुहूर्त में उठने के लाभ जानते हुए भी अधिकांश लोगों के सामने समस्या यह है की ब्रह्म मुहूर्त में उठा कैसे जाए, और इस समस्या का मुख्य कारण है रात्रि में देर से सोना और देर रात तक फोन या लैपटॉप का उपयोग करना. लेकिन यदि आप रात को ठीक समय पर सोते है तो, ब्रह्म मुहूर्त में उठना आसान है.
ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रह्म मुहूर्त काल रात्रि का अंतिम प्रहर है और इस काल में वात दोष की अधिकता रहती है,
यही वात दोष का आधिक्य सुबह निद्रा त्यागने में सहायता करता है।ब्रह्म मुहूर्त में उठना स्वस्थ दिनचर्या की ओर पहला कदम है, केवल ब्रह्म मुहूर्त में उठने मात्र से रात में सही समय पर सोना, समय पर मल त्याग होना, एकाग्रता बड़ना, ईश्वर का ध्यान करना, व्यायाम करना, योग करना और पूरा दिन ऊर्जा युक्त हो जाना. यह सभी कार्य अपने आप ही हो जाते है।
यदि आप ब्रह्म मुहूर्त में उठने का संकल्प रहे है तो स्मरण रखे की आप दिनचर्या में धीरे धीरे परिवर्तन करके ही ब्रह्म मुहूर्त में उठने का अभ्यास करे न की सहसा। अचानक, दिनचर्या में परिवर्तन से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव भी पड़ सकता है ।
स्वस्थ रहे, प्रसन्न रहे और सात्विक जीवन की इस यात्रा में हमारे साथ जुड़े रहिए ।
हरी ॐ!
सात्विक जीवन के मध्य से हमारा संदेश यहीं है कि योग के विशाल मूल्यों को समझे, सात्विक आहार का सेवन और आयुर्वेद का पालन करें जिससे स्वास्थ्य उत्तम रहे, बिना स्वास्थ्य के योग का अनुशासन संभव नहीं है।
सात्विक जीवन और स्वास्थ्य संबंधित जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहिए, स्वस्थ रहे और प्रसन्न रहे ।
हमें आशा है के आज की इस वीडियो के माध्यम से दी गई जानकारी आप सब के लिये लाभकारी होगी। स्वस्थ रहें प्रसन्न रहें। दिव्य शक्ति की कृपा हम सब पर बनी रहे। हरी ॐ तत् सत्।
श्रेय:
डॉ. नेहल शर्मा
आयुर्वेदिक चिकित्सक
Disclaimer: यहाँ मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहाँ यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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