नौवीं के दिन माँ कालिका से चामुण्डा बन कर चण्ड-मुण्ड और रक्तबीज का वध किया || जय माँ सिद्धिदात्री

Описание к видео नौवीं के दिन माँ कालिका से चामुण्डा बन कर चण्ड-मुण्ड और रक्तबीज का वध किया || जय माँ सिद्धिदात्री

मां दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्रि-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। सृष्टि में कुछ भी उसके लिए अगम्य नहीं रह जाता है। ब्रह्मांड पर पूर्ण विजय प्राप्त करने की सामर्थ्य उसमें आ जाती है।
मां सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को ये सभी सिद्धियां प्रदान करने में समर्थ हैं। देवीपुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था। इनकी अनुकम्पा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण वे लोक में 'अर्द्धनारीश्वर' नाम से प्रसिद्ध हुए।

महादेवी की भृकुटी के तेज से कालिका देवी उत्पन्न हुईं।
भयानक युद्ध हुआ। माँ कालिका ने उनके प्रत्येक प्रहार को विफल कर दिया और देवी कौशिकी के कहने पर देवताओं की कार्य सिद्धि हेतु माँ कालिका ने दैत्यों का संहार कर उनके मस्तक धड़ से अलग कर दिए। कहते हैं कि जब कालिका देवी ने चण्ड-मुण्ड के सिर देवी के चरणों में रखे तो देवी भगवती ने प्रसन्न होकर उन्हें वर दिया कि तुमने चण्ड-मुण्ड का वध कर अत्यंत गौरवशाली कृत्य किया है, अतः आज से तुम्हें संसार चामुण्डा देवी के नाम से जानेगा। मान्यता है कि इसी कारण श्रद्धालुजन देवी के इस स्वरूप की 'चामुंडा' माता के रूप में उपासना करते हैं।

Video Name - Om Namah Shivay #Episode-178
Copyright - Creative Eye Private Limited
Licenses By - Dev Films And Marketing Delhi

Комментарии

Информация по комментариям в разработке