Gopi Geet। गोपी गीत अर्थ सहित। Gopi Geet Lyrics in Sanskrit & meaning in Hindi |Madhvi Madhukar Jha

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गोपी गीत:
श्रीमद्भागवत में दशम स्कंध में गोपी गीत आता है। ये गोपी गीत भगवान कृष्ण को साक्षात् पाने का मन्त्र है। भगवान कृष्ण को पाने के जितने भी तरीके हैं या होंगे उनमे से एक गोपी गीत है। इस गोपी गीत (gopi geet) में उन्नीस श्लोक हैं। जब भगवान शरद पूर्णिमा की रात में रास लीला का प्रारम्भ करते है तो कुछ समय बाद गोपियों को मान हो जाता है कि इस जगत में हमारा भाग्य ही सबसे श्रेष्ठ है भगवान उनके मन की बात समझकर बीच रास से अंतर्ध्यान हो जाते है,
उन्हें न देखकर व्रजयुवतियो के हदय में विरह की ज्वाला जलने लगी – भगवान की मदोन्मत्त चाल, प्रेमभरी मुस्कान, विलासभरी चितवन, मनोरम प्रेमालाप, भिन्न-भिन्न प्रकार की लीलाओ और श्रृंगाररस की भाव-भंगियो ने उनके चित्त को चुरा लिया था. वे प्रेम की मतवाली गोपियाँ श्रीकृष्णमय हो गयी और फिर श्रीकृष्ण की विभिन्न चेष्टाओं और लीलाओ का अनुकरण करने लगी. अपने प्रियतम की चाल-ढाल, हास-विलास और चितवन- बोलन आदि मे श्रीकृष्ण की प्यारी गोपियाँ उनके समान ही बन गयी.
उनके शरीर में भी वही गति-मति वही भाव-भंगिमा उतर आयी, वे अपने को सर्वथा भूलकर ‘श्रीकृष्ण स्वरुप’ हो गयी. ‘मै श्रीकृष्ण ही हूँ’ इस प्रकार कहने लगी वे सब परस्पर मिलकर ऊँचे स्वर से उन्ही के गुणों का गान करने लगी. मतवाली होकर एक वन से दूसरे वन में एक झाड़ी से दूसरी झाड़ी में जा-जाकर श्रीकृष्ण को ढूँढने लगी. वे पेड-पौधों से उनका पता पूछने लगी – हे पीपल, बरगद! नंदनंदन श्यामसुन्दर अपनी प्रेमभरी मुस्कान और चितवन से हमारा मन चुराकर चले गये है क्या तुमने उन्हें देखा है ?
जब भगवान उन्हें कही नहीं मिले तो श्रीकृष्ण के ध्यान में डूबी गोपियाँ यमुना जी के पावन पुलिन पर रमणरेती में लौट आयी और एक साथ मिलकर श्रीकृष्ण के गुणों का गान करने लगी.सबने एक साथ, एक ही स्वर में, ‘गोपी-गीत‘ गाया. जब सब गोपियों के मन की दशा एक जैसी ही थी, सबके भाव की एक ही दशा थी, तब उन करोड़ो गोपियों के मुँह से एक ही गीत, एक साथ निकला,इसमें आश्चर्य कैसा ? गोपी गीत में उन्नीस श्लोक है. गोपी गीत `कनक मंजरी’ छंद में है.

ये गोपी गीत बड़ा ही विलक्षण ,आलौकिक है जो नित्य इस गोपी गीत पाठ करता है भगवान श्री कृष्ण जी में उसका प्रेम होता है और उसे उनकी अनुभूति होती है. भगवान के अन्तर्धान होने का एक कारण और था भगवान गोपियों के प्रेम को जगत को दिखाना चाहते थे कि गोपियाँ मुझसे कितना प्रेम करती है.

Song : Traditional
Singer: Madhvi Madhukar Jha
Music Label: SubhNir Productions
Music Director : Nikhil bisht, Raajkumar
Flute : Gopal Dayal
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