नमक की बोरी में पहुंची थी त्रिलोकपुर माता बाला सुंदरी। 4K । दर्शन 🙏

Описание к видео नमक की बोरी में पहुंची थी त्रिलोकपुर माता बाला सुंदरी। 4K । दर्शन 🙏

भक्तों! सादर नमन, वंदन और अभिनन्दन... भक्तों! हिमाचल प्रदेश की यात्रा क्रम में आज हम आपको जिस मंदिर का दर्शन करवाने जा रहे हैं वहाँ आदिशक्ति जगतजननी दुर्गा अपने बाल स्वरूप में प्रतिष्ठित हैं। भक्तों हम बात कर रहे हैं देवभूमि हिमांचल प्रदेश के अनगिनत मशहूर मंदिरों में अपना अलग स्थान रखनेवाले माँ बालासुंदरी देवी मंदिर की...

लोककथा:
भक्तों एक लोककथा के अनुसार- त्रिलोकपुर में लाला रामदास नामक एक नमक के व्यापारी थे। जो देवी के परमभक्त थे। वो उत्तरप्रदेश के जिला सहारनपुर के देवबंद से नमक लाकर त्रिलोकपुर में बेचा करते थे। एक बार लाला रामदास देवबंद नमक लाने गए तो पिंडी का रूप धारण उनके नमक की बोरी में माता बाला सुंदरी भी त्रिलोकपुर पहुँच गईं। माता के आगमन से अंजान लाला रामदास, बोरी का नमक बेचते रहे, परंतु बोरी का नमक समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा था। उन्होंने उस बोरी के नमक से बहुत पैसा कमा लिया… फिर भी बोरी का नमक ज्यों का त्यों भरा था। ये देख लाला रामदास चिंता में पड़ गए कि “नमक समाप्त क्यों नहीं हो रहा?”

लाला को देवी का स्वप्न:
भक्तों उसी रात माता बालासुंदरी ने लाला को स्वप्न मे दर्शन देकर स्वयं को को आदिशक्ति दुर्गा का बालस्वरूप बताते हुये कहा कि “मैं तुम्हारे दुकान के पास पीपल वृक्ष के नीचे पिंडी के रूप में स्थापित हूँ, तुम यहाँ मेरा भवन बनाओ”। लाला ने माता से प्रार्थना की कि “ माँ आपको तो पता ही है कि मेरे पास आपके भवन निर्माण हेतु पर्याप्त धन नहीं है अतः सिरमौर के राजा को मंदिर निर्माण करवाने का आदेश देने की कृपा करें। माँ ने अपने भक्त लाला रामदास की पुकार सुन ली और सिरमौर के राजा दीपप्रकाश को मंदिर बनवाने का स्वप्नादेश दिया।

त्रिलोकपुर नाम का रहस्य:
भक्तों माँ बलासुंदरी के इस पावन धाम के त्रिलोकपुर नाम के पीछे का कारण ये है कि इस स्थान के तीन कोनों में माँ आदिशक्ति अपने तीन स्वरूपों ललिता देवी, बाला सुंदरी और त्रिपुर भैरवी के साथ विद्यमान हैं। इसलिए इस स्थान का नाम त्रिलोकपुर है। यहाँ विराजमान तीनों देवियों में से बालासुंदरीका मंदिर यात्रियों और भक्तों को अटयधिक मंदिर के रूप में लोकप्रिय है।

मंदिर की वास्तुकला:
भक्तों त्रिलोकपुर का बालासुंदरी मंदिर की वास्तुकला की इंडो-फारसी शैली को दर्शाता है। मंदिर परिसर में प्रवेशद्वार के पास सिंह की एक भव्य मूर्ति स्थापित है। यही नहीं, मंदिर के भीतर गणेश, शिव परिवार, हनुमान, मां काली, मां मनसा देवी आदि भी विराजमान हैं।

भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन ! 🙏

इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन।🙏

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

#devotional #mandir #vlogs #hinduism #matabalasundari #maadurga #balasundaritemple #himachalpradesh #travel #darshan #tilak #yatra #YouTube

Комментарии

Информация по комментариям в разработке