अहिल्याबाई होलकर | द फिलॉसफर क्वीन | भारत नारी रत्न । कुशल शासिका । दर्शन | मालवा का ताजमहल

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वीरांगना । भारत नारी रत्न । लोकमाता । राजमाता । देवी । कुशल शासिका । पहली स्त्री शिक्षा प्रणेता । राष्ट्रीय एकता की पहली महिला प्रतीक
1. अहिल्या बाई का स्त्री सम्मान आंदोलन क्या है?
2. स्त्री शिक्षा पर सर्वप्रथम आवाज उठाने वाली महिला के रूप में मूल्यांकन करें ?
3. अहिल्या बाई के विभिन्न सिद्धांतों की प्रासंगिकता पर टिप्पणी करें ?
4. अहिल्या बाई को लोकमाता क्यों कहा जाता है ?
5. महारानी अहिल्याबाई का जीवन जनहित की मिसाल है स्पष्ट करें
6. अहिल्या बाई को लोकमाता क्यों कहा जाता है ?
7. अहिल्या बाई ने किस प्रकार साहित्यिक योगदान दिया?
8. अहिल्या बाई के जीवन में किस प्रकार के संघर्ष और समस्याएं आईं?
9. आपके अनुसार, अहिल्या बाई का योगदान किस तरह से आधुनिक भारतीय समाज के लिए महत्वपूर्ण है?
10. अहिल्या बाई का जन्म, परिवारिक परिस्थितियाँ, और शिक्षा का संक्षिप्त इतिहास दीजिए।
11. उनका समर्थन किस क्रांति या समाज सुधार आंदोलन के तहत था? उनके योगदान का महत्व क्या था?
12. अहिल्या बाई के द्वारा स्थापित किए गए संस्थानों के बारे में विस्तृत विवरण दीजिए।
13. उनके समाज सुधार कार्यों में कैसे स्त्री सम्मान और स्वतंत्रता के मुद्दे शामिल थे?
14. अहिल्या बाई का साहित्यिक योगदान क्या था? उनके द्वारा लिखित या संपादित किये गए किताबों और लेखों का विश्लेषण कीजिए।
15. उन्होंने किस प्रकार महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम किया?
16. अहिल्या बाई के समाज सुधार के कार्यों का समाजिक और आर्थिक परिणाम क्या रहा?
17. उनकी विचारधारा और योजनाओं का मूल्यांकन कीजिए।
18. उनके समर्थकों और विरोधियों के बारे में चर्चा कीजिए।
19. आपके अनुसार, अहिल्या बाई के योगदान को समझने के लिए क्या कुछ महत्वपूर्ण आधारभूत संदर्भ हैं?
परिचय
ब्रिटिश इतिहासकार जॉन के द्वारा उन्हें " द फिलॉसफर क्वीन "
केयस ने “मालवा की दार्शनिक रानी” की उपाधि प्रदान की
देवी अहिल्याबाई होलकर (31 मई 1725-13 अगस्त 1795), मराठा साम्राज्य की एक महिला शासिका तथा इतिहास-प्रसिद्ध सूबेदार मल्हारराव होलकर के पुत्र खण्डेराव की धर्मपत्नी थीं। उन्होंने वर्ष 1767 से लेकर 1795 तक होलकर साम्राज्य में महेश्वर को राजधानी बनाकर शासन किया।
अहिल्याबाई अपने आदर्श न्यायव्यवस्था, आदर्श प्रशासन, आदर्श सैनिक संगठन, आदर्श लोक कल्याणकारी योजनायें और सर्वधर्म समभाव के लिए विख्यात थी ।

अहिल्याबाई के दार्शनिक विचार
भारतीय दर्शनशास्त्र में सद्विचार और सदाचरण को भी धर्म माना गया है और जिसमें ये दो गुण है वही राजा या शासक जनमानस को सुख पहुंचा सकता है। 18वीं सदी में ऐसे ही गुणों की धनी थी देवी अहिल्याबाई होल्कर। वो न सिर्फ वीर योद्धा, कुशल निशानेबाज थीं बल्कि कुशल प्रशासक भी थी। जिन्होंने जन कल्याण के बहुत से कदम उठाए और धर्म के मार्ग पर चलते हुए न सिर्फ राज्य में बल्कि राज्य की सीमा के बाहर भी मंदिर और पवित्र घाटों का निर्माण कराया। यही कारण है कि उन्हें लोक माता कहा गया।
Brave woman. Bharat Nari Ratna. Lokmata. Queen Mother . Goddess . Skillful ruler. The first woman education pioneer. First lady symbol of national unity
1. What is Ahilya Bai's Women's Respect Movement?
2. Evaluate her as the woman who first raised her voice on women's education?
3. Comment on the relevance of various principles of Ahilya Bai?
4. Why is Ahilya Bai called Lokmata?
5. Explain that the life of Queen Ahilyabai is an example of public interest.
6. Why is Ahilya Bai called Lokmata?
7. How did Ahilya Bai contribute to literature?
8. What kind of struggles and problems came in the life of Ahilya Bai?
9. According to you, how is Ahilya Bai's contribution important for modern Indian society?
10. Give a brief history of Ahilya Bai's birth, family circumstances, and education.
11. Which revolution or social reform movement did he support? What was the importance of his contribution?
12. Give detailed information about the institutions established by Ahilya Bai.

Introduction
She has been called "The Philosopher Queen" by the British historian John
Keyes bestowed the title of “Philosopher Queen of Malwa”
Devi Ahilyabai Holkar (31 May 1725 – 13 August 1795), was a female ruler of the Maratha Empire and the wife of Khanderao, son of the famous subedar Malharrao Holkar. He ruled the Holkar Empire from 1767 to 1795 with Maheshwar as its capital.
Ahilyabai was famous for her ideal judicial system, ideal administration, ideal military organization, ideal public welfare schemes and equality for all religions.

Philosophical thoughts of Ahilyabai

In Indian philosophy, good thoughts and good conduct are also considered as religion and only the king or ruler who has these two qualities can bring happiness to the people. Goddess Ahilyabai Holkar was rich in such qualities in the 18th century. She was not only a brave warrior and skilled shooter but also a skilled administrator. Who took many steps for public welfare and following the path of religion, built temples and holy ghats not only in the state but also outside the state limits. This is the reason why she was called Mother of the People.

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