श्री करौली शंकर महादेव - पूर्वज मुक्तिधाम, कानपुर में आपका स्वागत है
(साध्य रोगों की स्मृतियों से पीड़ित हेतु)
आश्रम परिवार द्वारा सलाह दी जाती है कि किसी भी चिकित्सा के लिए आवेदन करने से पूर्व यहाँ किए गए दावों के बारे में जाँच लें, यहाँ के नियमों व विधियों को समझ लें, लाभ-हानि का गुणा- गणित कर लें, पूरी तरह जाँचने-परखने के बाद यदि मन में ईश्वरीय वैदिक अनुष्ठान के प्रति आस्था, श्रद्धा, विश्वास बने, यहाँ के नियम पालन करने की स्वीकृति बने, तभी आवेदन करें । किसी दूसरे के कहने पर, या देखादेखी, या “करके देख लेते हैं” या “कोई चमत्कार हो जाएगा” या किसी भी प्रकार का संशय जब तक मन में रहे, कृपया तब तक बिल्कुल आवेदन न करें ।
सभी धार्मिक अनुष्ठानों के पश्चात, दी जाने वाली औषधियां न खाने या न लगाने पर अथवा दरबार द्वारा सृजित प्रार्थना / संकल्प सभा में भाग न लेने या प्रार्थना / संकल्प ना करने पर स्वस्थ होना बिलकुल भी संभव नहीं है । ईश्वर के प्रति आपकी अटूट आस्था, विश्वास एवं श्रद्धा होने के कारण ही आप अपनी प्रार्थना व संकल्प की शक्ति से ही रोगों की नकारात्मक/ रोगी स्मृतियों से मुक्ति पाकर स्वस्थ महसूस करते हैं, फलस्वरूप स्वस्थ होते हैं, अन्यथा आप बिना प्रार्थना व संकल्प के स्वस्थ नहीं होते, आपका स्वस्थ होना या न होना आपके प्रार्थना व संकल्प करने अथवा न करने पर निर्भर है । यदि आपकी ईश्वर के प्रति आस्था, विश्वास एवं श्रद्धा नहीं है तो यह वैदिक अनुष्ठान की प्रक्रिया आपके लिए बिलकुल भी नहीं है क्योंकि इसके अभाव में आप कभी भी स्वस्थ नहीं हो सकते । इसके लिए आप कहीं पर भी क्लेम आदि नहीं कर सकते हैं । यह पूरी तरह से आस्था, विश्वास और श्रद्धा से जुड़ा विषय है। इसे मानना या न मानना आपके अधिकार क्षेत्र में है । यदि इस वैदिक प्रक्रिया पर आपको आस्था, विश्वास और श्रद्धा नहीं है तो आपको कोई लाभ नहीं होता है और यह आपके लिए बिलकुल भी नहीं है और आप उसे बिलकुल भी न अपनाएँ क्यूंकी इससे आपको लाभ होना असंभव है । साथ ही आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि उपरोक्त रोगी नकारात्मक स्मृतियाँ जो कि हजारों वर्षों से हमारे DNA के उर्जापथ में बनी रहने के कारण, हमारे रोग अनुवांशिक रोगों की श्रेणी में आ जाते हैं और असाध्य हो जाते हैं । इसका मुख्य कारण हमारे मस्तिष्क में उत्पन्न हो जाने वाली सूजन है यह सूजन हमारे पितृ दोष तथा काल सर्प दोष व नकारात्मक इच्छा, विचार, आशाओं से बने रहने पर पैदा होती है जो की रोगों का मुख्य कारण है । कुछ लोगों में यह सूजन जब तक बनी रहती है तब तक कभी कभी रोग बने रहने का भ्रम उत्पन्न हो जाता है । इसलिए आपको रोगी के सिर के ऊपर दरबार द्वारा दिए जाने वाले लेपन को आवश्यकतानुसार कम से कम 6 माह तक लगाने की सलाह दी जाती है ताकि मस्तिष्क की सूजन नष्ट होकर भ्रम उत्पन्न न हो । अन्यथा आपको कभी कभी कष्ट बने होने का झूठा भ्रम पैदा हो सकता है । इन 400 प्रकार की रोगी नकारात्मक स्मृतियों के नष्टिकरण हेतु आप दरबार द्वारा निर्धारित शुल्क जमा करके, पूजा / हवन / अनुष्ठान आदि करके पुण्य प्राप्त कर इन रोगी नकारात्मक स्मृतियों से मुक्त हो सकते हैं, यदि आप गरीब/असहाय व्यक्ति हैं तो आप बिना हवन/ अनुष्ठान किए ही, बिना किसी शुल्क के, दरबार द्वारा निर्धारित नमन विधि/ पदयात्रा विधि / दण्डवतयात्रा विधि अपना कर पुण्य प्राप्त करके अपने पित्रों की मुक्ति करा कर इन साध्य रोगों की स्मृतियों के कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं | आपका स्वस्थ होना या न होना आपकी आस्था, विश्वास एवं श्रद्धा पर आधारित आपके द्वारा किए जाने वाले नियम पालन व संकल्प प्रार्थना पर निर्भर करता हैं |
नोट : कृपया कोई भी विधि अपनाने से पूर्व इसे अच्छे से पढ़ लें अथवा किसी से पढ़वा कर अच्छी तरह से समझ लें | यदि निर्धारित शुल्क जमा कर आपको उपरोक्त वैदिक प्रक्रिया से बिल्कुल भी लाभ नहीं हुआ है तो कृपया गुरुजी से उसी दिन मुलाकात के समय अपनी आपत्ति दर्ज करा दें, ताकि आपको संतुष्ट किया जा सके और संतुष्ट न होने पर आपकी धनराशि उसी दिन उसी समय वापस की जा सके | लेकिन प्रक्रिया करके गुरुजी से मिलने के बाद, बाहर जाकर की गई आपत्ति या टिप्पणी अथवा किसी भी मंच अथवा संवैधानिक संस्थाओं मे किया गया दावा अमान्य होगा और यह माना जाएगा कि आप पूर्णतः ठीक हैं और किसी सनातन विरोधी के उकसाने पर आश्रम व उसके कर्ता-धर्ताओं पर आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने के षड्यंत्र में शामिल हैं और ऐसा करने पर दरबार द्वारा आपके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है ।
असाध्य रोगों की नकारात्मक रोगी समृतियों से पीड़ित व्यक्ति के लिए
(यह विधि स्मृति रोगी/ पीड़ितों के लिये पूरी तरह से निःशुल्क है)
श्री करौली शंकर महादेव धाम मनुष्य मात्र के लिए आध्यात्मिक व सांसारिक उन्नति में सहायक गतिविधियों का केंद्र है । कोई भी मनुष्य दुखी या रोगी न रहे, इसी उद्देश्य के लिए श्री करौली शंकर महादेव धाम, ईश्वरीय चिकित्सा केंद्र [प्रार्थना एवं संकल्प के द्वारा शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक रोगी, नकारात्मक कष्टों की स्मृतियों से मुक्ति का केंद्र ]के रूप में प्रसिद्ध है, सेवारत है, जहाँ पर वैदिक विधि-विधान के अनुसार आपकी नकारात्मक रोगी स्मृतियों का आपकी प्रार्थना और संकल्प के द्वारा नष्टीकरण के साथ-साथ, अष्टांग आयुर्वेदिक / प्राकृतिक चिकित्सा भी होती है । आपकी आस्था, विश्वास, श्रद्धा आधारित, प्रार्थना एवं संकल्प से तथा ईश्वर एवं गुरुकृपा से तथा वैदिक सनातन पद्यति से, नकारात्मक रोगी स्मृति नष्टीकरण के द्वारा स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करना , हमारा अनुसंधान है और यही हमारी प्रसिद्धि है ।
Информация по комментариям в разработке