Qabre Shabbeer pe zainab ka tha nauha bhai Nauha 2024 14 moharram Dariyabad Allahabad

Описание к видео Qabre Shabbeer pe zainab ka tha nauha bhai Nauha 2024 14 moharram Dariyabad Allahabad

कब्रे शब्बीर पे जैनब का था नौहा भाई
छोड आई हूँ सकीना को मै तन्हा भाई ।

1. तुमसे मिलने के लिए जैनबे मुजतर आई
दिल पे क्या बीत गई कैसे बताऊ भाई
साथ अपने मै सकीना को नही ला पाई
हमसे रुखसत हुई जिन्दों मे सकीना भाई।

2. अस के बाद सितम ऐसे हुऐ ऐ भैय्या
दुर सकीना के छिने कुर्ता जला ऐ भैय्या
खून कानों से सकीना के बहा ऐ
भैय्या जुल्म उस पे है हुए हद से ज्यादा भाई

3. एक जालिम ने सकीना को जो र्दुरा मारा चीखकर उसने कहा है मेरे बाबा बाबा
पुश्त पर जख्म था इस दर्जा के बस वा वैला
आपके बाद सुकु उसने न पाया भाई ।

4. कैदखाने के अंधेरो से डरा करती थी
कब रेहा होगें फुफी जान कहा करती थी
याद बाबा को वह दिन रात किया करती थी
बन गया कैदे सितम उसका ठिकाना भाई

5. एक रस्सी में बंधे भाई थे बारा के गले
और बाजू भी हमारे पसे गर्दन थे बंधे
नील बाजू में रसन के मेरे अब तक है पडे
मेरी इमदाद को कोई भी न आया भाई

6. याद है भाई तुम्हे बाबा का गिरिया करना
रोते रोते मेरे शानो का वह बोसा लेना
तब नहीं आया समझ बाबा का ऐसा करना
बंधते ही शाने समझ मे मेरे आया भाई।

7. हाल आबिद का तुम्हे भाई बताऊ कैसे
उसके जख्मो के निशों तुमको दिखाऊ कैसे
चल नहीं सकता वतन लेके मैं जाऊँ कैसे
अब भी पैरो से लहू उसके है बहता भाई

8. कैसे जी पाउगी मैं बाद तुम्हारे भैय्या
खो गये रन मे मेरे चाँद सितारे भैय्या
सो गया शेर भी साहिल के किनारे भैय्या
कैसे ले जाऊँ वतन उजडा ये कुनबा भाई

9. भाई की कब्र को अश्को से भिगोती थी बहन लिपटी शब्बीर की तुंबत से तडपती थी बहन
भाई से अपने जमन रोके ये कहती थी बहन
हश्च तक रोऐगा तुम पर ये जमाना भाई ।

Комментарии

Информация по комментариям в разработке