वारि मेरेलटकन पगधरौ छतियां स्वरश्री विठ्ठलदास बापोदरा पलानको पद रागआशावरी ताल आडा चौताल हवेली संगीत

Описание к видео वारि मेरेलटकन पगधरौ छतियां स्वरश्री विठ्ठलदास बापोदरा पलानको पद रागआशावरी ताल आडा चौताल हवेली संगीत

वारि मेरे लटकन पग धरौ छतियां स्वर श्री विठ्ठलदास बापोदरा पलानको पद रागआशावरी ताल आडा चौताल हवेली संगीत पुष्टी मार्गीय सरल भक्ति संगीत @manharbapodara9902
वारि मेरे लटकन पग धरौ छतियां ||
कमल नैन बलि जाऊं बदनकी,शोभित नेन्ही द्वे दूध की दतियाँ ||१||
यहमेरी यह तेरी यह बाबा नंद्जूकी यह बलभद्र भैयाकी यह ताकी जो जुलावे तेरौ पलना इहाँ ते चली...खरखात पीवत जल परिहरो रुदन हंसो मेरे ललना वारि मेरे लटकन पग ||२||
रुनक ज़ुनक पग बाजत पैंजनिया,अलबल कलबल बोलो म्रुदु बनियाँ ||
परमानंद प्रभु त्रिभुवन ठाकुर,जाय जुलावे बाबा नंद्जुकी रनियां ||३ ||
भावार्थ
लटकन=नाक का गहना |कलगी आदि में लगा रत्नों का गुच्छा,जो माथे पर जुलता रहता है | प्रस्तुत पद में गोपीका लाड़ से बाल कृष्ण को मेरे लटकन कर रही है | गोपी चाहती है कि दोनों उठा कर,बालक को माथे के ऊपर ले जाये और वह अपने नन्हें नन्हे पैर गोपीकी छाती पर रखकर खड़ा हो जाय | हे कमल नयन |तुम्हारे श्री मुख पर बलिहारी जाती हूँ |नन्हें स्व दूध के दो दांत कैसे सुन्दर लग रहे है !! अब बालक को गोद में बैठा कर,एक एक उंगली पकड़ कर कहती है ‘यह तेरी,यह मेरी,और यह तीसरी उँगली नंदबाबाकी और अगली बलदाऊ भैया की | बच गई पाँचवी,उस गोपिकी,जो तेरा पलना जुलावे | बालक को हंसाने को माताइं बालक की हथेली से लेकर बगल तक उंगलीयाँ घुमाती चलती हैं|_चली गाय घास खाती,पानी पीती”_और बगल में गुदगुदी कर देती हैं|जिससे बालक रोना छोड़ कर हँसने लगता है | वैसी ही चेष्टा यह गोपी कर रही है |”मेरे लाल रोना (=रुदन)छोड़ दो (=परिहारो)अब हंस पड़ो |”और लाला रोना धोना छोड़ कर हँसते हुए,रुन जून पायल (=पैजनियाँ) बजाते हुए ठुमक रहे है | अपनी तोतली बोली में अलबल कलबल कुछ बोल रहे हैं | परमानंद जी चकित हैं कि जो तीनों भुवन का स्वामी हैं उसे नंद बाबा की रानी (=रनियां) पालना जुला रही है !
PUSHTI MARGIY BHAKTI SARAL HAVELI SANGEET JANMASHTAMINI VADHAI
VARI MERE LATAKAN PAG DHARO CHHATIYAN
RAGA :ASHAVARI
TAL :AADA CHAUTAL
WRITTEN BY SHREE PARMANANDDAS
SING BY
SHRI VITHALDAS VALLABHDAS BAPODARA
SANKALAN AND PUBLISH BY
MANHARLAL VITHALDAS BAPODARA MOBILE NO.9824635506

PLEASE INFORM TO YOUR INTERESTED VAISHNAVAS FOR SUPPORT OF THIS TYPE OF BHAVANATMAK BHAKTI PUSHTI SARAL HAVELI SANGEET
इस प्रकार के भावात्मक पुष्टिमार्गीय हवेली संगीत में आपका योगदान हमारे लिए बहुत जरुरी है | हमारी यह विनंती है कि आप शेर (SHARE)कीजिए और like और subscribe करनेके लिए उत्साहित कीजिए |
આ પ્રકારના ભાવાત્મક પુષ્ટિમાર્ગીય હવેલી સંગીતમાં આપનું યોગદાન અમારા માટે બહુ જરૂરી છે.અમારી આપને વિનંતી છે કે રસ ધરાવતા વૈષ્ણવોને share કરીને like અને subscribe કરાવીને આ કાર્યમાં સહકાર આપો .
SANKALAN AND PUBLISH BY
MANHARLAL VITHALDAS BAPODARA MOBILE NO.9824635506

Комментарии

Информация по комментариям в разработке