Dhankul Song (धनकुल गीत)

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बस्तर संभाग के दल ने धनकुल जगार गीत की प्रस्तुति दंतेवाड़ा में स्थित दंतेश्वरी में दी। उन्होंने इस गीत का गायन हल्बी बोली किए। उल्लेखनीय है कि बस्तर अंचल के हल्बी-भतरी और बस्तरी परिवेश में धनकुल गीतों की महत्त्वपूर्ण परम्परा के रूप में स्थापित हो चुका है। धनकुल गीत के अन्तर्गत चार जगार गीत गाये जाते हैं। इन चारों जगार (आठे जगार, तीजा जगार, लछमी जगार और बाली जगार) की प्रकृति लोक महाकाव्य की है। ये चारों लोक महाकाव्य अलिखित हैं और पूरी तरह वाचिक परम्परा के सहारे मुखान्तरित होते आ रहे हैं। इनमें से आठे जगार, तीजा जगार और लछमी जगार की भाषा हल्बी एवं कहीं-कहीं हल्बी-भतरी-बस्तरी मिश्रित है, जबकि बाली जगार की भाषा भतरी और देसया।

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