Nareshwar Dham - गुजरात भरुच - नारेश्वर श्री रंग अवधूत महाराज मंदिर Near Narmada River

Описание к видео Nareshwar Dham - गुजरात भरुच - नारेश्वर श्री रंग अवधूत महाराज मंदिर Near Narmada River

Hey Guys,
Welcome back to my YouTube channel ‪@graduatevlogger001‬
Complete Information about Nareshwar Dham Temple.

1) नारेश्वर धाम दक्षिण एवं मध्य गुजरत की बॉर्डर पर नर्मदा मैया के तट पर है। नारेश्वर में पूंजय रंग अवधूत महाराज का मंदिर है।
नर्मदा मैया के तट पर पुंजय रंग अवधूत महाराज का विशाल मंदिर है। नारेश्वर धाम में कुल मिलकर 15 से ज्यादा मंदिर है। हरेक मंदिर का अलग महत्व है। नारेश्वर धाम पुंजय रंग अवधूत महाराज की कर्म भूमि है। आज पुंजय रंग अवधूत महाराज के हजारो अनुयायियों है। जो जगह जगह से उनके दर्शन के लिए नारेश्वर में आते है।
पुंजय रंग अवधूत महाराज के भक्तो ने नारेश्वर धाम को इतना विक्षित किया की आज वो गुजरात के बड़े पर्यटक स्थल के रूप में उभर रहा है। रेवा के तट पर अनेक वृक्षों और मंदिरो के कारण वहा का वातावरण मन को आनंदित कर देता है।
नारेश्वर का दृश्य आकर्षक एवं रमणीय है। बड़े बड़े पेड़, पेड़ पे पंखीओ का कलरव, साथ में वानर सेना की मस्ती वातावरण को अहलादक बनाता है।
नारेश्वर में हररोज अनेक श्रद्धालु आते है। मंदिर के पीछे नर्मदा मैया प्रवाह बहता रहता है। श्रद्धालु मंदिर जाने से पहले नर्मदा नदी में स्नान करने जाते है। कहते है की मैया नर्मदा के दर्शन मात्र से हमारे पाप धूल जाते है।

2) नारेश्वर में किसका मंदिर है ?

नारेश्वर में मुख्य मंदिर पुंजय रंग अवधूत महाराज का है। मुख्य मंदिर के बिलकुल सामने उनकी माताजी रूकाम्बा का मंदिर है।
उस प्रांगण में नर्मदा मैया का मंदिर है। जहा पुंजय रंग अवधूत महाराज आराम करते थे उस जगह का मदिर है। जहा किसी के साथ मुलाकात करते थे उस जगह भी मंदिर है।
पुराणों में जिसका उल्लेख है, ऐसा भगवान भोले नाथ का मंदिर है। जो नारेश्वर महादेव के नाम से प्रचलित है।
कुल मिलाकर नारेश्वर में 15 से ज्यादा मंदिर है।

3) नारेश्वर कहा से जा सकते है ?

नारेश्वर गुजरात में भरुच और वड़ोदरा के बीचमे नर्मदा मैया के तट पर है। नेशनल हाईवे न 8 से जा सकते है।
अहमदाबाद से नारेश्वर लगभग 175 किलोमीटर है।
सूरत से नारेश्वर लगभग 115 किलोमीटर है।
वड़ोदरा से नारेश्वर का अंतर लगभग 60 किलोमीटर है।
भरुच से नारेश्वर का अंतर लगभग 40 किलोमीटर है।
करजन से नारेश्वर का अंतर 28 किलोमीटर है ।

4) नारेश्वर में मंदिर दर्शन का टाइम क्या है ? Nareshwar Temple Timing

पुंजय बापजी के दर्शन के लिए आने वाले भक्तो के लिए बहुत बड़ा प्रश्न है। कही बार भक्त दर्शन के लिए आते है और मंदिर बंध होने से बहुत समय का इंतजार करना पड़ता है। इसीलिए हमें मंदिर के दर्शन का समय मालूम होना चाहिए।
नारेश्वर पुंजय बापजी का मंदिर सुबह 6 बजे खुलता है। 12 बजे मंदिर बंध होता है। वही फिर 2 बजाकर 30 मिनिट पे खुलता है और सैम 7 बजे बढ़ होता है। इस दौरान हम पुंजय अवधूत महाराज के दर्शन कर सकते है।
Nareshwar Temple Timing – 6:00 am to 11:59 am और 2:30 pm to 7:00 pm

5) नारेश्वर के पुंजय रंग अवधूत महाराज का इतिहास

पुंजय रंग अवधूत महाराज का नाम – पांडुरंग विठ्ठलपंत वालामे था। उनका जन्म 21 नवम्बर 1898 में एक मराठी परिवार में हुआ था। पिता का नाम विथलपंत एवं माता का नाम काशीबाई था। अंग्रेजो के समय में असहकार आंदोलन में भी उन्होंने हिस्सा लिया था। एक शिक्षक के तोर पे भी अपने जीवन के कुछ साल बिताये थे।
रंग अवधूत महाराज हमेशा भक्ति भाव से पूर्ण रहते थे। समाज के उथ्थान के लिए भी वो एक सामाजिक कार्यकर्त्ता के रूप में काम करते थे। सं 1923 में उन्होंने अपना जीवन प्रभु के शरण में शॉप दिया। संसारी जीवन छोड़ के सन्यासी बन गए। और नर्मदा मैया के तट पर अपना ठिकाना बना लिया। पुंजय वासुदेव सरस्वती उनके गुरु थे।
नारेश्वर में पुंजय रंग अवधूत महाराज ने भगवान दत्तात्रेय के पंथ को आगे बढ़ाया। भगवान दत्तात्रेय की आराधना की और अपने भक्तो को जीवन की राह दिखाई। अवधूत महाराज कवी भी थे। उन्होंने कही कविताये और भजन संग्रह लिखा है। इसमें सबसे प्रचलित दत्त बावनी का स्तोत्र है। जिस आज उनका हरेक भक्त पठन करता है।
पुंजय रंग अवधूत महाराज गुजरती, हिंदी, इंग्लिश एवं संस्कृत भाषा के जानकर थे।
पुंजय रंग अवधूत महाराज ने 19 नवंबर 1968 के दिन हरिद्वार में अपना देह त्याग किया था।

6) नारेश्वर रुक्माम्बा प्रसाद गृह – अन्नपूर्णा क्षेत्र
नारेश्वर धाम की विशेषताओं के कारण ही आज इतना प्रचलित है। और इस मंदिर की ख्याति दिन बदिन बढ़ती जाती है। हमने कही मंदिरो में अन्नक्षेत्र चलाते हुए देखा है। खाने के लिए थोड़ा बहुत चार्ज भी लिया जाता है। पर नारेश्वर में चलने वाले अन्नपूर्णा क्षेत्र में प्रसाद के लिए किसी भी तरह का चार्ज नहीं लिया जाता। यहाँ आने वाले हरेक व्यक्ति को मुक्त में भोजन मिलता है।
पुंजय रंग अवधूत महाराज के नारेश्वर धाम में आने वाले भक्त यहाँ प्रसाद ग्रहण करते है। और ये भक्तो की संख्या हजारो में होती है। वहा का मैनेजमेंट और सेवा करने वाले लोग बहुत ही अच्छी तरह से अन्नक्षेत्र चलाते है। लोगो का जमावड़ा होने के बावजूद भी किसी भी तरह की अव्यवश्था नहीं होती। लोग कृति भक्ति करके धन्यता अनुभवते है।

Thank You So Much For Watching My Video I Hope You Like, Comment, and Share With Your Friend and Please Subscribe My Channel:)

Комментарии

Информация по комментариям в разработке