मने गोडे गोडे ग़रीबी देखी है - Sanjeet Saroha | Haryanvi heart Touching Poem | New Haryanvi Poetry |

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बचपन की वे सब बात
याद आ ज्यागीं
पायाँ के छाले हाथा की आँटन
आज भी पाज्यागीं
हामने पालण खातर केके
ध्याड़े भरया करदी
बीमारी के मह भी सारे काम
जद माँ करया करदी
चढ़दी सप्रे बाबू के करीबी देखी है
किसे टेम मने गोडै गोडै ग़रीबी देखी है
किसे टेम मने गोडै गोडै ग़रीबी देखी है -

स्कूल तै पाछे कपास चुगाई झोली भराया करदा
छोटी उम्र मैं बाबू गेल ध्याड़ि ज़ाया करदा
पेड़े मारे नुला कराया नाली भी समारी है
लोगा तै चुपके रात नै सिमट भी तारी है
फ़ीस के ख़ातिर कहानी लिखी कविता ज़रिया बनाया था
चुगके बेल भर भर कट्टे बचपन के मह ल्याया था
कई बै चूल्हे आगे माचिस की ख़ाली डिब्बी देखी सै
चढ़दी सप्रे बाबू के करीबी देखी है
किसे टेम मने गोडै गोडै ग़रीबी देखी है

कटी बँच्टी लेके लिफ़ाफ़े मरिडा मैं हांडे हैं
8-9 क्लास मैं तो मने अख़बार भी बांडे से
माँड़े तै माँड़े दिना मैं भी वो क़ाबू देख्या है
राम तो मने देख्या नहीं पर बाबू देखा है
स्कूल के काम गेल चाकी तै चून झड़काया करदा
आके फ़र्स्ट क्लास में जीत के कासन ल्याया करदा
चढ़दी कला मैं रहे पर कई बै इबि देखी है
चढ़दी सप्रे बाबू के करीबी देखी है
किसे टेम मने गोडै गोडै ग़रीबी देखी है

चमासे के मह तीनो कोठे की छात बह्या करदी
दो ढंग पै महारी भेंश खड़ी रहया करदी
बलधा के गेल लोगा के सिमाने हाले थे
कईया के खुड बोबो घरक्या नै हामी पाले थे
दाने बेच के कई बै माँ की दवाई भी ल्याया हूँ
ताऊ चाचे गेल सीजन मैं थ्रेशर पै आया हूँ
बेठ गाल मैं सीडी बिसीयर जीबी देखी है
चढ़दी सप्रे बाबू के करीबी देखी है
किसे टेम मने गोडै गोडै ग़रीबी देखी है

Video & Edit - vansh jawa

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