धोखा देने वाले और उनका असली चेहरा: लखि सुबेष जग बंचक/रामचरित/बालकाण्ड/संत असंत वंदना/चौपाई/एपिसोड-52

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सुबेष जग बंचक जेऊ, अर्थात् इस संसार में सुन्दरता की भरपूर बौछार होती है। बेष प्रताप पूजिअहिं तेऊ का अर्थ है कि जो लोग अपने गुणों और क्षमताओं के लिए सम्मानित होते हैं, उन्हें सभी की श्रद्धा प्राप्त होती है। उघरहिं अंत न होइ निबाहू का तात्पर्य है कि यदि हम अपने कर्मों में सच्चाई और समर्पण बनाये रखें, तो कठिनाइयाँ भी हमें पराजित नहीं कर सकतीं। कालनेमि जिमि रावन राहू जैसे दुष्ट और बलशाली व्यक्तियों का अंत निश्चित होता है, क्योंकि सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने वाले कभी हार नहीं मानते। इस प्रकार, जीवन में संघर्षों का सामना करने के लिए हमें सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

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