उत्तम संयम धर्म।Uttam Sanyam Dharm।आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी प्रवचन।दशलक्षण पर्व।Paryushan Parv

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🪷दशलक्षण महापर्व🪷
✨उत्तम संयम(दिन-6)✨
📿ॐ ह्रीं श्रीं उत्तम संयम धर्मांगाय नमः📿

काय-छहों प्रतिपाल, पंचेन्द्री-मन वश करो।
संयम-रतन संभाल, विषय-चोर बहु फिरत हैं।।

(चौपाई)

उत्तम संजम गहु मन मेरे, भव-भव के भाजें अघ तेरे।
सुरग-नरक-पशुगति में नाहीं, आलस-हरन करन सुख ठाहीं।।

(गीतिका)

ठाहीं पृथी जल आग मारुत, रूख त्रस करुना धरो।
सपरसन रसना घ्रान नैना, कान मन सब वश करो।।
जिस बिना नहिं जिनराज सीझे, तू रुल्यो जग-कीच में।
इक घरी मत विसरो करो नित, आव जम-मुख बीच में।।


उत्तम संयम धर्म।Uttam Sanyam Dharm।आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी प्रवचन।दशलक्षण पर्व।Paryushan Parv

उत्तम संयम धर्म
दशलक्षण महापर्व
पर्युषण महापर्व
आर्यिका पूर्णमति माताजी प्रवचन

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