असली वीडियो के साथ देखिए कुख्यात डकैत निर्भय गुर्जर और उसकी प्रेमिकाओं की कहानी।nirbhay Singh grujar

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आज हम आपको ऐसे डकैत से मिलवाने जा रहे हैं ... जो हमेशा एक एसपी की वर्दी में रहता था.... इतना ही नहीं साथी डाकू भी पुलिस की वर्दी में ही रहते थे... और गैंग का सरगना निर्भय गुर्जर अपनी दस्यू सुंदरियों के साथ हमेशा रंगीन जिंदगी जीता था... इसलिए आज आपको उसकी दस्यू सुंदरी प्रेमिकाओं से भी मिलवाएंगे और उनकी जुबानी भी सुनवाएंगे ..... इसलिए आप हमारे साथ बने रहिए...... यह वीडियो कयासों पर नहीं बल्कि पूरी तरह से सत्यता पर बनाया है... और इसलिए आप पूरा वीडियो देखिए......

चम्बल में आतंक का पर्याय रह चुके दस्यु सम्राट का जालौन में आतंक चरम पर था. हत्या, अपहरण, लूट, डकैती मशहूर निर्भय सिंह गुर्जर ने अपने जीवन का अधिकांश समय जालौन में ही बिताया है. निर्भय गुर्जर के खिलाफ अपहरण और हत्‍या के 200 से अधिक मामले पुलिस थानों में दर्ज थे. पुलिस के अनुसार, निर्भय का गैंग फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में सक्रिय था. वह लंबे समय से पुलिस को चकमा देता आया था. इसके साथ ही वह जंगल में पत्रकारों को बुलाकर अक्‍सर इंटरव्यू भी दिया करता था. इतना ही नहीं निर्भय गुर्जर बेहद रंगीन मिजाज का था..... उसका नाम सीमा परिहार से लेकर नीलम गुप्ता तक से जुड़ा ...... इतना ही नहीं निर्भय गुर्जर अपने जमाने में सबसे मजबूत गैंग का सर्गना था... आज हम निर्भय गुर्जर से जुड़ी हर वो जानकारी देने वाले हैं...... जो कभी आम लोगों के सामने नहीं आई है... इतना ही नहीं हम आपको उसके गैंग के बारे में उसी जुबानी सुनवाएंगे और साथ ही ये भी दिखाएंगे कि कैसे वो दस्यू सुंदरियों के साथ बीहड़ में मौज की जिंदगी जीता था... तो चलिए सबसे पहले अपका दिखाते हैं कि उसकी साज सज्जा उसकी प्रेमिका कैसे करती हैं,....

सपा नेताओं को कहता था भाई
समय के साथ-साथ दस्‍यु निर्भय गुर्जर का खौफ जा रहा था. बताया जाता है कि इसी दौरान उसने समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेताओं को अपना भाई तक कह डाला था. निर्भय ने यहां तक कह दिया था कि सपा उसे चुनाव लड़ने के लिए टिकट दे सकती है. इसके बाद से निर्भय के सफाए का अभियान तेज हो गया. वर्ष 2005 में औरया के अजीतमल के पास चंबल में निर्भय को मार गिराया था.
छोटी-मोटी चोरी से की थी शुरुआत
डकैत निर्भय गूजर का जन्म 1961 में ग्राम गंगदासपुर थाना अयाना, जनपद-इटावा के एक साधारण परिवार में हुआ. इसके पिता मान सिंह के पास 7-8 बीघा जमीन थी, जिसमें सिंचाई का साधन नहीं था. इस कारण पैदावार भी अच्छी नहीं होती थी. माता पिता के अलावा इसके परिवार में 5 बहने व एक छोटा भाई भी है. जमीन व आमदनी कम और परिवार बड़ा होने के कारण भरण पोषण नहीं चल पाता था. जिसके कारण निर्भय सिंह छोटी-मोटी चोरियों करने लगा और पुलिस की नजरों से बचने लगा.
1989 में दर्ज हुआ था पहला केस
निर्भय के कदम यहीं से धीरे-धीरे अपराध की ओर बढ़ने लगे. निर्भय सिंह गुर्जर आगे चलकर दस्यु लालाराम गिरोह के सम्पर्क में आ गया. इन्हीं के साथ मिलकर निर्भय ने हत्या, लूट, अपहरण, डकैती जैसे संगीन वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया. दस्यु निर्भय सिंह पर पहला मुकदमा वर्ष 1989 में जनपद जालौन के थाना चुर्खी में डकैती में पंजीकृत किया गया था. निर्भय के ऊपर उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के विभिन्न जनपदों में लूट, अपहरण, हत्या, डकैती के लगभग एक सैकड़ा से अधिक मुकदमे दर्ज थे. दस्यु निर्भय सिंह के गिरोह में 60 सदस्य थे. जिनमें प्रमुख रूप से युद्ध सिंह उर्फ लाठी वाला, श्याम जाटव, सरला, नीलम, मगल सिंह एवं शोबरन सिंह थे. ह

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