Dada ji Dhuniwale Documentry

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दादाजी धूनीवाले अर्थात श्री केशवानंद जी महाराज की मूल समाधि खण्डवा मध्यप्रदेश में है। दादाजी महाराज बीसवीं सदी के महान संतो में शिरडी के साईबाबा और सेगांव के गजानंद महाराज के समकालीन संत है। उन्हें भगवान शंकर का अवतार माना जाता है। अवधूत संत दादाजी धुनिवालो के साथ ही उनके शिष्य श्री हरिहर भोले भगवान की समाधि भी खंडवा में ही है। अखंड ज्योत, अखंड धुनि, गुरु पूर्णिमा पर्व पर लाखों भक्तो का खंडवा आगमन, सैकड़ो निःशुल्क स्टॉल, भोजन प्रसादी की सेवा इस शहर को अनोखा, अद्वितीय और अदभुत बनाती है। साईंखेड़ा, होशंगाबाद, बरेली, उज्जैन, भोपाल, बड़वाह होते हुए दादाजी धूनीवाले खंडवा में दिसंबर 1930 में आये। यही समाधिस्थ हुए। छोटे दादाजी ने दरबार का काम काज सम्हाला, विधि विधान बनाए। वे भी 1942 में समाधि की प्राप्त हुए।
22 एकड़ में फैला दादाजी दरबार लाखों भक्तो की अटूट आस्था का केंद्र है। देश भर में 25 से ज्यादा दरबार है। दिल्ली, भोपाल, पुणे, अहमदाबाद से लेकर श्रीगंगानगर, जोधपुर, जलगांव, छिंदवाड़ा, नागपुर, साईंखेड़ा, खोक्सर, छीपानेर, जबलपुर, इंदौर, भोपाल में भी दादाजी दरबार है। दादाजी के यहां टिक्कड़ प्रसादी वितरण की जाती है। भज लो दादाजी का नाम भज लो हरिहर जी का नाम जपा जाता है। यह वीडियो आपको अच्छा लगे तो लाइक करे, सब्सक्राइब करे। कमेंट बॉक्स में अपने विचार भी रखे।
मनीष जैन, लोकस्वामी ब्यूरो, खंडवा। संपर्क 9827275400

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