"कबीरदास" (मूल पाठ) संपादक:श्याम सुंदर दास-(गुरुदेव कौ अंग)

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कबीरदास जी हिंदी साहित्य में बहुमुखी व्यक्तित्व को लेकर अवतरित हुए थे। उन्होंने इस तथ्य को स्वयं स्वीकार करते हुए कहा है कि 'मसि कागद छूयो नहिं कलम गही नहिं हाथ'। कबीर ने जो उपदेश दिए उनकी मृत्यु के पश्चात् उनके शिष्यों ने 'बीजक' नाम से संग्रह कर लिया। बीजक के तीन खंड है-साखी, सबद‌ और रमैनी।

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