प्रह्लाद दा: पिता के दोस्तों से लगी संगीत की लत, रामलीला के मंच से निकल बने लोकगायक

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उत्तराखंड के प्रतिष्ठित लोकगायकों में से एक प्रह्लाद सिंह मेहरा जी का पिछले हफ्ते निधन हो गया। प्रह्लाद सिंह मेहरा को प्रह्लाद दा बनाने में गिरीश तिवारी गिर्दा, चंद्रसिंह राही और नरेंद्र सिंह नेगी का बड़ा हाथ रहा। ऐसा नहीं है कि इन गायकों ने प्रह्लाद दा को हाथ पकड़कर चलना और गाना सिखाया हो लेकिन इनकी प्रेरणा से ही प्रह्लाद दा लोकपटल पर छाए। कैसे वो नौजवान जिसे रामलीला के मंच पर गाने से रोक दिया गया, वही नौजवान आगे जाकर लोकपटल पर छाया। प्रह्लाद दा के जीवन की पूरी कहानी, लोकसंगीत में उनके आने की पूरी दास्तान और कैसे वो गायन के साथ नाटकों में भी अपना हाथ मजबूत रखते थे, इन सब मुद्दों को समझने और प्रह्लाद दा को जानने के लिए ये रिपोर्ट जरूर पूरी देखें।
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Uttarakhand’s Famous Folk Singer Prahlad Singh Mehara passed away. He suffered heart attack but Prahlad Singh Mehra has left a legacy for Uttarakhandi folk singing. Prahlad Singh Mehra has sung many Kumaoni song like chandi batana dajyu kurti colar ma, Ae jaa mera Danpura, rangbhang khola pari and many more. In this episode, We shedding some light on the life and work of the pahadi singer of Uttarakhand Prahlad Singh Mehra. #prahladda#prahladsinghmehra#lokgayak#uttarakhand#garhwal#kumaon#ghughuti#ghughuti_official

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