कल्यानी देवी मंदिर इतिहास और वर्तमान //Prayagraj Kalyani Devi Mandir

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महाशक्ति पीठ माँ कल्याणी देवी जी का मन्दिर (ललिता पीठ) MAHASHAKTI PEETH MA KALYANI DEVI JI TEMPLE (LALITA PEETH) देवी जी का माहात्म एवं इतिहास

प्रयाग की अधिष्ठात्री मी कल्याणी (ललिता) है, तब सूडामणि में लिखा है "अंगुली वृन्दहरतस्य प्रयाग दलिता" अर्थात सती की हस्त अंगुलियों के गिरने से प्रयाग में देवी ललिता पुन भन नामक अरब प्रतिष्ठित हुए। अब प्रश्न कौन सा है इसका प्रमाणपदमपुराण अन्तर्गत शतध्यायी प्रयाग माहान के 76 4 अध्याय का 17 कल्याणीति च गीयते, दर्शनस्तस्य पूजग सर्वया सर्वकामदा" असीत भूलकेश्वर महादेव के ि विख्यात हैं, जिनके दर्शन, सावन, पूजन से सभी की मनोकामना पूर्ण होती है। माँ कल्याणी को ही मात्र एक मंदिर दिशा में स्थित है, कल्याणी के मंदिर के पीछे प्रयोग श्री नवगैरल जी का मंदिर है। मत्स्य पुराण में 108 पाणी (ललिता) का नाम सर्वप्रथम आया है। पुरातात्विक साध्य भी यो कल्याणी के मंदिर को अतिपीठहोने का इशाहबाद संग्रहालय के क्यूरेटर डा. सतीश चन्द्र काला कल्याणी की मूर्तिका शॉप करके 1500 वर्ष प्राचीन प्रतिमा बताया है एवं पुरातात्विक समस्त साक्ष्यों के आधार पर प्रयाग में भी कल्याणी देवी जी का वर्तपुरा युग में महर्षि यातन्त्रय जी ने यहाँ माँ की आराधना करके या अवतीद पर 22 अगुदममाडीकी की यही अधिष्ठात्री देवी है। प्रतिवर्ष चैत्र कृष्ण अष्टमी, चैत्र एवं आलि ने नवरात्र में विशालाक्या, श्री देवी भगवत पुराण कथा, विशाल भारा, माँ के भव्य श्रृंगार का आयोजन होता है, जिसमें नगर, जनपद एवं अन्य जी के दर्जन पूजन हेतु आते हैं।

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Anchoring by - Himanshu Tripathi
camera -Aditya Singh & Alish Pandey

Editing - Aditya Singh & Alish Pandey

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