RPF ne 7 varshon ke dauraan opareshan ||आरपीएफ ने 7 वर्षों के दौरान 'ऑपरेशन || 🚄#indian
Please Like and Subscribe
#indian Railways ir skw
Thanks for Watching
• विद्युतीकरण कार्य पूर्ण होने के पश्चात किय...
• एक्सप्रेस ट्रेनों का नंदगंज स्टेशन पर ठहरा...
• विद्युतीकृत लाइनों के साथ दोहरीकरण कार्य क...
• कीड़िहरापुर-बेलथरा रोड स्टेशनों के मध्य वि...
• आईआरसीटीसी लाया दक्षिण भारत यात्रा का टूर-...
• दक्षिण भारत के 5 धार्मिक स्थलों के लिए चले...
#बिना ऑपरेशन कान के पर्दे में छेद को मिटाये#हेर्निया के ऑपरेशन के बाद#आरपीएफ एलडीसीई#कान के पर्दे में छेद होना#क्चर और ऑपरेशन की पूरी जानकारी#गर्भवती होने के लिए पूरा गाइड#0 के बाद गर्भधारण#5 गर्भावस्था के बाद#40 गर्भावस्था के बाद#हेर्निया के लिए योगा#40 की उम्र के बाद भी गर्भवती#3000रु का 8% वार्षिक ब्याज की दर से 3 वर्षों का साधारण ब्याज क्या होगा?#कान का पर्दा फटने से क्या होता है#ऑनलाइन परामर्श#कान का पर्दा फटना#हिला पर्यवेक्षक#या ना करें
Your Quires:-
आरपीएफ ने 7 वर्षों के दौरान 'ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते' के तहत 84, 119 बच्चों को बचाया
जयपुर/गोरखपुर/नई दिल्ली/मुम्बई लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं। बचाने में कामयाब रही। वर्ष 2021 के ऑपरेशन 'नन्हे फरिश्ते के प्रति निरंतर । पिछले सात वर्षों में, रेलवे सुरक्षा बचाए गए 17, 112 बच्चों में से 13, 187 दौरान, आरपीएफ ने अपने बचाव कार्यों प्रतिबद्धता का प्रमाण देते हैं। ये संख्या बल (आरपीएफ) 'नन्हे फरिश्ते' नामक बच्चों की पहचान भागे हुए बच्चों के में पुनरुत्थान देखा, जिससे 11,907 बच्चों के भागने की लगातार जारी
समस्या एक ऑपरेशन में अग्रणी रहा है। यह रूप में की गई, 2105 लापता पाए बच्चों को बचाया गया। इस वर्ष पाए तथा उन्हें अपने माता पिता के पास सुरक्षित एक मिशन जो विभिन्न भारतीय रेलवे गए, 1091 बच्चे बिछड़े हुए, 400 बच्चे गए और संरक्षित किए गए बच्चों की पहुंचने के लिए आरपीएफ के किए गए जोनों में पीड़ित बच्चों को बचाने के निराश्रित, 87 अपहृत, 78 मानसिक संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, प्रयासों दोनों को दर्शाती हैं। आरपीएफ ने लिए समर्पित है। पिछले सात वर्षों रूप से विक्षिप्त और 131 बेघर बच्चे जिसमें 9601 बच्चों की पहचान भागे अपने प्रयासों से, न केवल बच्चों को (2018 मई 2024) के दौरान, पाए गए। वर्ष 2018 में इस तरह की हुए के रूप में, 961
लापता के रूप में, बचाया है, बल्कि घर से भागे हुए और आरपीएफ ने स्टेशनों और ट्रेनों में खतरे पहल की तत्काल आवश्यकता को 648 बिछड़े हुए, 370 निराश्रित, 78 लापता बच्चों की दुर्दशा के बारे में में पड़े या खतरे में पड़ने से 84, 119 उजागर करते हुए ऑपरेशन के लिए अपहृत, 82 मानसिक रूप से विकलांग जागरूकता भी बढ़ाई है, जिसमे आगे बच्चों को बचाया है। नन्हे फरिश्ते एक मजबूत नींव रखी गई। वर्ष 2019 और 123 बेघर बच्चों के रूप में पहचाने की कार्रवाई और विभिन्न हितधारकों से सिर्फ एक ऑपरेशन से कहीं अधिक के दौरान, आरपीएफ के प्रयास लगातार गए। वर्ष 2023 के दौरान, आरपीएफ समर्थन मिला। आरपीएफ का ऑपरेशन है; यह उन हजारों बच्चों के लिए एक सफल
रहे और लड़कों और लड़कियों 11,794 बच्चों को बचाने में सफल रही। का दयारा लगतार बढ़ रहा है, रोज नई जीवन रेखा है जो खुद को अनिश्चित दोनों सहित कुल 15,932 बच्चों को इनमें से 8916 बच्चे घर से भागे हुए थे, चुनौतियों का सामना कर भारत के परिस्थितियों में पाते हैं। 2018 से 2024 बचाया गया। बचाए गए 15,932 बच्चों 986 लापता थे, 1055 बिछड़े हुए थे, विशाल रेलवे नेटवर्क में बच्चों के लिए तक का डेटा, अटूट समर्पण, में से 12,708 भागे हुए, 1454 लापता, 236 निराश्रित थे, 156 अपहृत थे, 112 एक सुरक्षित वातावरण बनाने का प्रयास अनुकूलनशीलता और संघर्ष क्षमता की 1036 बिछड़े हुए, 350 निराश्रित, 56 मानसिक रूप से विकलांग थे, और 237 कर रहा है। ट्रैक चाइल्ड पोर्टल पर कहानी दर्शाता है। प्रत्येक बचाव समाज अपहृत, 123 मानसिक रूप से विक्षिप्त बेघर बच्चे थे। आरपीएफ ने इन असुरक्षित बच्चों की पूरी जानकारी
उपलब्ध रहती के सबसे असुरक्षित सदस्यों की सुरक्षा और 171 बेघर बच्चों के रूप में पहचाने बच्चों की सुरक्षा और उनकी अच्छी है। 135 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर के लिए आरपीएफ की प्रतिबद्धता का गए। वर्ष 2020 कोविड महामारी के कारण देखभाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका चाइल्ड हेल्पडेस्क उपलब्ध है। आरपीएफ एक प्रमाण है। वर्ष 2018 में 'ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण था, जिसने सामान्य जीवन निभाई। 2024 के पहले पांच महीनों में, मुक्त कराए गए बच्चों को जिला बाल नन्हे फरिश्ते की महत्वपूर्ण शुरुआत को बाधित किया और परिचालन पर आरपीएफ ने 4,607 बच्चों को बचाया कल्याण समिति को सौंप देती है । हुई। इस वर्ष, आरपीएफ ने कुल काफी प्रभाव डाला। इन चुनौतियों के है। जिसमे 3430 घर से भागे हुए बच्चों जिला बाल कल्याण समिति बच्चों को 17, 112 पीड़ित बच्चों को बचाया, जिनमें बावजूद, आरपीएफ 5,011 बच्चों को को बचाया गया है, शुरुआती रुझान उनके माता-पिता को सौंप देती है।
#indian #train #sapt #samastipur #gorakhpur #muzaffarpur #railwa #मुजफ्फरपुर #swr
Информация по комментариям в разработке