फसल की उर्वरता प्राकृतिक तरीके से बढ़ाने के लिए, आप जैविक खाद (कम्पोस्ट), हरी खाद, फसल चक्र, और मल्चिंग जैसी तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं। इन तरीकों से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ बढ़ता है, जिससे मिट्टी की संरचना बेहतर होती है, खाद का उपयोग:
रबी फसल की कटाई के बाद खाली पड़े खेतों में हरी खाद वाली फसलें (जैसे ग्वार, ढैंचा, सनई, लोबिया) बोकर मिट्टी को पोषण दिया जा सकता है।
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फसल चक्र:
विभिन्न प्रकार की फसलों को बारी-बारी से उगाकर मिट्टी में विभिन्न पोषक तत्वों की मात्रा को बनाए रखा जा सकता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है.
मल्चिंग:
मिट्टी की सतह को पुआल, पत्तियों, या लकड़ी के चिप्स जैसी जैविक सामग्री से ढकने से नमी संरक्षित होती है, खरपतवार कम होते हैं, और मिट्टी का तापमान नियंत्रित रहता है।
फलीदार पौधों की खेती:
फलीदार पौधे (जैसे बीन्स या क्लोवर) मिट्टी में नाइट्रोजन को स्थिर करते हैं, जिससे इसकी उर्वरता बढ़ती है.
संरक्षण जुताई:
कम जुताई या बिना जुताई वाली खेती मिट्टी के कटाव को रोकने, कार्बनिक पदार्थों को बनाए रखने और सूक्ष्मजीवी गतिविधि को
फसल की उर्वरता कैसे बढ़ाएं?
मिट्टी की सतह पर फसल के अवशेषों को शामिल करना
का प्रयोग करना
फसल पैदावार (छोटी अवधि के पौधे की फसल सहित) को कवर करना
खेती में हरी खाद उपयोग करना
पोषक तत्वों की कमी वाली मिट्टी में संतुलित रासायनिक उर्वरकों का उपयोग
अनुवर्ती अवधि को कम करना
कृषि वानिकी
संरक्षण कृषि
बिना रासायनिक खाद के भूमि को उपजाऊ कैसे बनाया जा सकता है?
बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए फसलों के अवशेषों का उपयोग वर्मी कम्पोस्ट या जैविक खाद के रूप में किया जा सकता है। बंजर जमीन की मिट्टी का पीएच लेवल 10.0 होता है और उपजाऊ जमीन का पीएच 7.0 से 7.5 होता है। लगातार 4 साल खेती करने से जमीन 7.5 तक पहुंच जाता है।
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सस्टेनेबल फार्मिंगदेशी फार्मिंग वीडियो कैसे बनाए, इस वीडियो में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि आप किस प्रकार से अपने खुद के देशी फार्मिंग के वीडियो को बना सकते हैं। हम आपको बताएंगे कि किस तरह से आप सही सामग्री चुनें, वीडियो की शूटिंग के लिए सबसे अच्छे स्थानों का चयन करें, और वीडियो के संपादन की प्रक्रिया में क्या-क्या ध्यान रखना चाहिए। साथ ही, हम यह भी साझा करेंगे कि आप अपने वीडियो में किस प्रकार के विषयों को शामिल कर सकते हैं, जैसे कि फसल की बुवाई, सिंचाई की तकनीकें, और फसल की देखभाल के तरीके। यह वीडियो न केवल नए किसानों के लिए बल्कि उन सभी के लिए उपयोगी होगा, जो देशी फार्मिंग के प्रति रुचि रखते हैं और अपने ज्ञान को साझा करना चाहते हैं। हमें उम्मवीडियो बनाने के लिए तैयार होंगे।
प्राकृतिक तरीके से फसल की उर्वरता बढ़ाने और उसकी देखभाल करने के लिए आप निम्न उपाय अपना सकते हैं:
1. जैविक खाद और उर्वरक:
गोबर की खाद (कम्पोस्ट): यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है और सूक्ष्मजीवों की संख्या में इजाफा करती है।
वर्मी कम्पोस्ट (केचुआ खाद): मिट्टी की संरचना सुधारती है और पोषक तत्वों को लंबे समय तक बनाए रखती है।
हरी खाद (Green Manure): जैसे ढैंचा, सनई, मूंग आदि को खेत में उगाकर जोत देना मिट्टी को नाइट्रोजन से भरपूर बनाता है।
2. फसल चक्र (Crop Rotation):
अलग-अलग फसलों को हर सीजन में बदल-बदल कर उगाने से मिट्टी के पोषक तत्वों का संतुलन बना रहता है और बीमारियाँ कम होती हैं।
3. मल्चिंग (Mulching):
सूखे पत्ते, घास या फसल अवशेषों की परत मिट्टी पर बिछाकर नमी बनाए रखें और खरपतवार को नियंत्रित करें।
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4. जैव कीटनाशक और जीवाणु:
नीम का तेल, गौमूत्र, अर्क इत्यादि का प्रयोग कीट नियंत्रण में सहायक होता है।
ट्राइकोडर्मा, राइजोबियम, एज़ोटोबैक्टर जैसे सूक्ष्मजीव मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मदद करते हैं।
5. प्राकृतिक सिंचाई और जल संरक्षण:
टपक सिंचाई (Drip irrigation) या स्प्रिंकलर सिस्टम से जल की बचत करें।
खेतों के किनारों पर मेड़ बनाकर पान
6. फसल की देखभाल के तरीके:
नियमित रूप से फसल का निरीक्षण करें।
समय-समय पर निराई-गुड़ाई करें।
रोग या कीट दिखें तो तुरंत जैविक उपचार करें।
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