#उत्तराफाल्गुनी_नक्षत्र_फलादेश
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र चक्र का बारहवाँ नक्षत्र है। इसका
स्वामी सूर्य और अधिदेवता अर्यमा हैं। इसका प्रथम
चरण सिंह राशि और शेष तीन चरण कन्या राशि में
आते हैं। इसके नामाक्षर क्रमशः टे, टो, पा और पी हैं।
यह ध्रुव/ स्थिर संज्ञा, क्षत्रिय जाति का ऊर्ध्वमुख नक्षत्र
है और इसका वृक्ष बड़/ पाकड़ है। इस नक्षत्र में जन्म
लेने पर जातक को सूर्य की महादशा मिलती है और इन
पर सूर्य तथा बुध का प्रभाव रहता है।
भवन निर्माता, वास्तु ज्ञाता, विवाह आदि कर्मकांड
करवाने वाले लोग, विद्यार्थी, सदचरित्र लोग, ईमानदार,
धनवान लोग, राजा, विद्या और धन का प्रदर्शन करने
वाले इस नक्षत्र के अधीन होते हैं।
अब बात करते हैं इस नक्षत्र के जातकों की...
इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति दानी और दयालु होते हैं।
इसके अलावा जातक धैर्यवान, जिंदादिल, कीर्तिवान,
साहसी, विद्वान, चतुर, व्यापारिक बुद्धि, सही निर्णय देने
वाला, पूर्वाभास की क्षमता रखने वाला, अध्ययनशील,
गणित, साहित्य एवं भाषा आदि में विशेष प्रवीण होता
है। जातक अपने पुरुषार्थ से धनोपार्जन करने में सफल
होता है और इन्हें सामाजिक ख्याति अच्छी मिलती है।
इस नक्षत्र के देवता अर्यमा होते हैं। ये सूर्य के भाई हैं।
अर्यमा को दया, करुणा, अनुग्रह, कृपा सहयोग देने
वाला देवता माना गया है। यह नक्षत्र सिंह राशि और
कन्या राशि दोनों को जोड़ने वाला नक्षत्र होता है। ये
लोग भी सूर्य के समान तेजस्वी, सब तरफ़ छा जाने
वाले और अपने बल बूते पर अपने हुनर से खूब धन
कमाने वाले होते हैं। ये केवल धन कमाते ही नहीं बल्कि
कुशलता पूर्वक उसका उपभोग करने वाले, धनी औरसुखी होते हैं। इन लोगों में काव्य शक्ति भी अच्छी होती
है और ये अपने विषय के अच्छे जानकार होते हैं। अपने
शत्रुओं को भी कुशलता से परास्त कर देते हैं। इनका
व्यक्तित्व सुंदर और आकर्षक होता है इससे स्त्रियाँ भी
इनकी ओर शीघ्र ही आकर्षित हो जाती हैं। ये लोग मधुर
व्यवहार करने वाले और धैर्य वान होते हैं और अपने
जीवन में अच्छा नाम कमाते हैं। उच्च अधिकारी वर्ग
और गणमान्य लोगों से भी सम्पर्क बनाने में माहिर होते
हैं। इनमें धन कमाने की युक्ति होने के चलते ये लोग
बहुत धन कमाते हैं फिर चाहे व्यापार में हो राज सेवा
आदि नौकरी में।
ये लोग वाहन के सुख से सुखी और भ्रमण शील होते
हैं और इनका सामान्य ज्ञान भी अच्छा होता है। ये लोग
सत्य बोलना और सत्य ही सुनना पसंद करते हैं। सही
ग़लत की शीघ्र ही पहचान भी कर लेते हैं। विश्राम,
ताजगी और ऊर्जा को पुनः प्राप्त करने का प्रयास
करना उत्तराफाल्गुनी का गुण होता है सो ये लोग ऊर्जा
से भरे हुए और कार्य करने को तत्पर रहते हैं। नक्षत्र में
जन्मे लोग प्रेमी, मिलनसार होते हैं। सबको साथ लेकर
चलने की कला इनके अंदर बहुत होती है। किसी का
कष्ट देखकर यह स्वयं दुखी हो जाते हैं इसके चलते ये
लोग स्वभाव से बहुत मददगार होते हैं और मुसीबत में
लोगों के काम आने वाले होते हैं। जैसे दो लोग विवाद
कर रहे हो तो उत्तराफाल्गुनी वाले विवाद को खत्म
कराने का पूरा प्रयास करेगें। अपने प्रभावी व्यक्तित्व
के चलते ये लोग ब्रांडिग करने में बहुत कुशल होते हैं।
अपने Product का कुशलता से प्रचार-प्रसार करते हुए
जन-जन तक पहुँचाने की काबलियत रखते हैं।
यह लोग इमोशनल हठी होते हैं या यू कहें कि यह
पूर्वाग्रह जल्दी पाल लेते हैं। ऐसे व्यक्तियों को किसीपूर्वाग्रह जल्दी पाल लेते हैं। ऐसे व्यक्तियों को किसी
चीज का प्रलोभन देकर विश्वासघाती नहीं बनाया जा
सकता है क्योंकि यह धोखा या विश्वासघात को बिल्कुल
पसंद नहीं करते हैं, इनसे ऐसी बात करने पर यह
क्रोधित हो जाते हैं। ऐसे लोग अपना विरोध नहीं सुन
पाते हैं। यदि कहीं इनके विरुद्ध कोई बात हो रही हो तो
यह बहुत क्रोधित हो जाते हैं। और क्रोधित होकर यह
असंतुलित भी हो जाते हैं और कुछ भी प्रतिक्रिया दे
सकते हैं। इनको अपने पारिवारिक जीवन में सुख शांति
बनाए रखने के लिए अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए। साथी
ही लव और केयर में अंतर समझना चाहिए। ऐसे लोगों
को महिलाओं को शत्रु नहीं बनाना चाहिए। अन्यथा
लोक लाज की हानि हो सकती है। इन लोगों को अपने
नक्षत्र के वृक्ष पाकड़ की सेवा करना, उसको जल देना
चाहिए और खुली जगह Park आदि में, जहां छाया की
ज़रूरत हो वहां पर पाकड़ वृक्ष लगवाना चाहिये। यह
पेड़ में पंचपल्व में शामिल है और इसका पौराणिक नाम
प्लक्ष है।
Информация по комментариям в разработке