आदिवासी धर्म कोड को लेकर फिर होगी मांग, क्या है इतिहास और क्या है सरना धर्म ?

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आदिवासी धर्म कोड को लेकर एक बार फिर आंदोलन तेज करने की रणनीति है. अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद के बैनर तले जंतर-मंतर (नयी दिल्ली) पर धरना देकर आगे की रणनीति की योजना बनी है. पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि केंद्र सरकार आदिवासियों के धर्म कोड मामले की अनदेखी कर रही है़ यदि केंद्र सरकार ने धर्म कोड के मामले को संज्ञान में नहीं लिया, तो देश भर में जन आंदोलन तेज किया जायेगा.
राष्ट्रीय महासचिव प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि आदिवासियों की जनसंख्या हिंदू व मुस्लिम के बाद तीसरे स्थान पर है, फिर भी उन्हें धर्म कोड से वंचित रखा गया है. पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने कहा कि आदिवासियों को अभी तक उनका अधिकार नहीं मिला है़ धरना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री व रजिस्ट्रार जेनरल ऑफ इंडिया के नाम ज्ञापन सौंपा गया. निर्णय लिया गया कि यदि केंद्र सरकार ने तीन माह के अंदर आदिवासी धर्म कोड पर गंभीरता नहीं दिखायी, तो पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन किया जायेगा़
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