पद्मश्री स्व. गुल बर्धन राष्ट्रीय बैले - नृत्य समारोह 1 तृतीय दिन - पंच महाभूत

Описание к видео पद्मश्री स्व. गुल बर्धन राष्ट्रीय बैले - नृत्य समारोह 1 तृतीय दिन - पंच महाभूत

पद्मश्री स्व गुल बर्द्धन राष्ट्रीय बैले - नृत्य समारोह -1 " में 28 मार्च 2024 दो प्रस्तुतियां की गईं । पूर्व रंग में सुश्री मनीषा हुराईया द्वारा कत्थक शैली में " होरी " नृत्य और दूसरी प्रस्तुति सुश्री राखी दुबे की कोरियोग्राफी में कलांधिका नृत्य नाट्य संस्था द्वारा नृत्य नाटिका " चक्रपिया " की दी गई ।
29 मार्च 2024 को अंतिम दिन पूर्व रंग में सुश्री प्रियंका शर्मा द्वारा भरतनाट्यम शैली में " शिव तांडव " और अंतिम प्रस्तुति के रूप में मार्गी कत्थक संस्थान द्वारा सुश्री अल्पना वाजपेयी के निर्देशन में " होरी " और " पंच महाभूत " का प्रदर्शन किया गया ।
तीन दिवसीय ये बैले - नृत्य समारोह दर्शकों द्वारा अत्यंत सराहा गया क्योंकि इस समारोह में एक ही स्थान पर बैले , कत्थक , भरतनाट्यम नृत्य शैलियों का प्रदर्शन दर्शकों को देखने को मिला ।
सबसे प्रमुख बात ये थी कि रंगश्री लिटिल बैले ट्रुप द्वारा प्रस्तुत बैले " पंचतंत्र " भारतीय बैले के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखता है । सन् 1954 में प्रसिद्ध बैले कोरियोग्राफर स्व . शांति बर्द्धन जी इसी बैले की रचना करते हुए परलोक गमन कर गये थे । मध्यांतर तक उन्होंने बहुत अस्वस्थ रहते हुए और बिस्तर पर लेटे-लेटे इस बैले का निर्देशन किया था । स्व .गुल बर्द्धन जी ने उनकी कल्पना को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी । 70 साल बाद भी इस बैले की कोरियोग्राफी इसका संगीत , इसके काॅस्ट्यूम्स , इसके सेट्स सब अपनी गरिमा बनाए रखे हैं । बैले नृत्यांगना - कोरियोग्राफर स्व . गुल बर्द्धन जी इस बैले में कई प्रमुख रोल करती थीं , जिनको रंगश्री लिटिल बैले ट्रुप की वरिष्ठ नृत्यांगना सुश्री पद्मा सोनकर ने निभाया ।
पूर्व रंग में तीनों दिनों की प्रस्तुतियों को तीनों नृत्यांगनाओं ने बहुत खूबसूरती से और मंजे हुए रूप से पेश किया ।
सुश्री राखी दुबे के निर्देशन और कोरियोग्राफी में नृत्य नाटिका " चक्रपिया " अद्भुत रचना थी ।
अंतिम दिन मध्यप्रदेश शासन द्वारा कत्थक नृत्य में " शिखर सम्मान " से सम्मानित सुश्री अल्पना वाजपेयी के निर्देशन और कोरियोग्राफी में " होरी " और " पंच महाभूत " की कत्थक नृत्य शैली पर आधारित रचनाओं ने भी अपना अलग प्रभाव दर्शकों पर छोड़ा ।
निष्कर्ष में कहा जाये तो तीन दिवसीय ये समारोह बहुत भव्य और गरिमामय रहा ।
हम संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के बहुत बहुत आभारी हैं कि संस्था उनके सहयोग से इस समारोह को सफल बना पाई ।

Комментарии

Информация по комментариям в разработке