Night group camping in mountain || Naithna Devi temple ||

Описание к видео Night group camping in mountain || Naithna Devi temple ||

Hi Friends, Our group decided to hike to Naithna devi peak which located at Nobara, Dwaraha in Almora District. Situated 6000 ft. above from the sea level. We can see most of the Himalayan peaks clearly from the top of the location. You must visit naithna devi once in life.

Sharing below details of prime locations to visit nearby Naithna Devi -

1. गोरखों की गढ़ी (किला)
मंदिर के पास ही गोरखों की गढ़ी है जो अब खंडहर के रुंप में है। कहा जाता है कि यहां से दूरबीन से दिल्ली देखा जा सकता था। सन् 1815 में गोरखों ने अंग्रेजों के साथ समझौता करके कुमाऊंं व गढ़वाल के जो क्षेत्र उनको दिए थे उनमें से यह गढ़ी भी एक थी। इस गढ़ी का जीर्णोद्धार कर इसको पर्यटन स्थल के रुंप में विकसित करना वर्तमान संस्था का मुख्य उद्देश्य है। संस्था ने इस मामले को सर्वोच्च स्तर पर उठाया है।

2. उत्तमसांणी
नैथना मंदिर से लगभग 2 किलोमीटर पूर्व की तरफ सुरम्य उत्तमसांणी पर्वत है जो चीड़, बांज व काफल के पेड़ों से घिरा हुआ है। यहां पर राजकीय इंटर कालेज है। ट्रैकिंग के लिए यह उत्तम स्थान है।

3. महादेव मंदिर
नैथना देवी मंदिर के पूर्व की ओर 3 किलोमीटर की गहराई में पाण्डव कालीन प्रसिद्ध बागनाथ (महादेव) का मंदिर है। यह स्थान बागेश्वर के नाम से प्रसिद्ध है। महाशिव रात्रि पर्व पर यहां मेला लगता है।

4. पाली
मंदिर के दक्षिण-पश्चिम में पाली नामक स्थान है। यह स्थान किसी समय इस क्षेत्र की शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था। यहां किसी समय में तहसील भी रही है और सरकारी पाली के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां पर सन् 1900 में सबसे पहले अंग्रेजों ने मिडिल स्कूल की स्थापना की थी, अब यहां पर इंटर कालेज है। यहां से नैथना पर्वत का नयनाभिराम दृश्य दिखाई देता है।

5. मासी
नैथना पर्वत के मूल में रामगंगा का तट पर " मासी " बसा हुआ है। यह मोटर मार्ग द्वारा सभी स्थानों से जुड़ा हुआ है। रामगंगा के तट पर ही बसी हुई सुरम्य उर्वरा गेवाड़ घाटी है जो कभी महाभारत कालीन विराट राजा के अधीन थी। मंदिर से देखने पर यहां का दृश्य मनोहारी लगता है। लोक प्रसिद्ध भूमिया मंदिर भी यही स्थित है।

6. द्वाराहाट -
दूनागिरी नैथना मंदिर से 20 किलोमीटर की दूरी पर द्वाराहाट और दूनागिरी नामक स्थान है जो मोटर मार्ग से नौबाड़ा से जुड़े हुये हैं। द्वाराहाट में 12वीं व 13वीं शताब्दी के 365 मंदिर व नौले हैं। प्रसिद्ध विद्वान पंडित राहुल सांकृत्यायन इन मंदिरों का निरीक्षण करने के लिए 1953 में यहां आये थे। जब उनका ध्यान नैथना पर्वत पर स्थित गोरखों के एकमात्र स्मारक " गढ़ी " की ओर गया तो वे इसको देखने के लिए बड़े उत्सुक हुए थे, लेकिन किन्हीं कारणों से वे वहां नहीं जा सके। इसी स्थान पर नैथना देवी मंदिर के वर्तमान स्वरुंप के निर्माता संत-शिरोमणि स्वामी हरनारायण जी की समाधि भी है।

7. सूर्योदय व सूर्यास्त का अद्भुत दृश्य
यहां प्रात:कालीन उगते सूर्य की स्वर्णिम किरणें माँ के चरणों में प्रणाम करती हैं तथा एक मनोहारी दृश्य उपस्थित करती हैं और सूर्यास्त के समय भी ऐसा लगता है मानो सूर्य माँ से दूसरे दिन जल्दी आने का वादा करके जा रहे हों। प्रकृति के इस अनुपम दृश्य को देखना जीवन की एक बड़ी उपलब्धि एवं शुभ माना जाता है।



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