एक मुट्ठी आटे की कहानी | The story of a handful of flour | Narayan Seva Sansthan | Best NGO Of India

Описание к видео एक मुट्ठी आटे की कहानी | The story of a handful of flour | Narayan Seva Sansthan | Best NGO Of India

नारायण सेवा संस्थान की स्थापना विजयादशमी के पावन अवसर पर 23 अक्टूबर 1985 को पूज्य गुरुदेव पद्मश्री कैलाश मानव जी के द्वारा की गई थी। गुरुदेव उस समय डाक एवं तार विभाग, भारत सरकार में कार्यरत थे। आपश्री ने जब सरकारी अस्पताल में एक रोगी को अस्पताल से प्राप्त भोजन की थाली में से एक रोटी खाकर, बाकी बची हुई तीन रोटियां तकिये के नीचे रखते हुए देखा, तो उससे पूछा- “आपको भूख नही है क्या”? तो सामने खड़े हुए किसना जी सुबकते हुए कहा, “मैं आठ से दस रोटियाँ खा सकता हूँ। मुझे इतनी भूख है। लेकिन मैरे साथ मेरे दो भाई एवं पिताजी भी हैं। हम चारो इस थाली के साथ मिली एक-एक रोटी खा लेते हैं और पेट पर कपड़ा बांध कर सो जाते हैं ताकि भूख ना लगे।“

इस घटना ने गुरुदेव को झकझोर दिया। तब उन्हें लगा कि मुझे अस्पताल में रोगियों के साथ आए घरवालों के लिए भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए। अतः उन्होने 20 तेल के कनस्तर कबाड़ी से खरीदे, उसके उपर का ढक्कन काटा, धोया, साफ किया, तथा डाक एवं तार विभाग के कर्मचारियों के घर पर उक्त तेल के कनस्तर रखते हुए माताओं से प्रार्थना की, कि आप रोगियों के परिजनों के निमित्त प्रतिदिन एक मुठ्ठी आटा सुबह-शाम इस कनस्तर में डालें। मैं आपके घर से प्रतिदिन आटा एकत्रित करने आउंगा तथा रोटी एवं सब्जी बनाकर अस्पताल में रोगियों के साथ वालों को भोजन कराउंगा। बस फिर क्या था, 13 वर्षों तक कैलाश जी ने सुबह एवं शाम प्रतिदिन सरकारी अस्पताल में रोगियों के साथ आये परिजनों को भोजन कराने का क्रम जारी रखा। इस प्रकार संस्थान की शुरूआत हुई।



#inspirationalstory #motivational #narayansevasansthan #biography #ngo #education #donate #successstory

Комментарии

Информация по комментариям в разработке