सीता हरण | रामायण महाएपिसोड | Tilak

Описание к видео सीता हरण | रामायण महाएपिसोड | Tilak

भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन दो भगवान!

सीता के आग्रह पर राम, स्वर्ण मृग के पीछे जाते हैं। मायावी मृग दौड़ लगाकर राम को कुटिया से काफी दूर ले जाता है। राम लक्ष्य साधकर बाण चलाते हैं। बाण लगते ही मारीच अपने असली स्वरूप में आ जाता है। मारीच घायलावस्था में राम की आवाज में सीता और लक्ष्मण को पुकारता है। पर्ण कुटिया में अपने स्वामी की चीत्कार भरी पुकार सुन कर सीता घबड़ा जाती हैं। वे लक्ष्मण को राम की सहायता के लिये जाने को कहती हैं किन्तु लक्ष्मण को इस आवाज के पीछे कोई प्रपंच लगता है। वे भाभी सीता की रक्षा हेतु भाई की आज्ञा का पालन करते हुए कुटिया में रहने का निर्णय लेते हैं। सीता उन्हें काफी उलाहना देती हैं। तब लक्ष्मण अभिमंत्रित बाण से कुटिया के चारों ओर एक रेखा खींचते हैं और सीता से इस रेखा के बाहर कदम न रखने का अनुरोध करके आवाज की दिशा में चले जाते हैं। रावण अवसर पाकर साधु का वेश धारण करता है और कुटिया के बाहर आकर भिक्षा माँगता है। सीता उसके लिये भोजन लाने कुटिया के भीतर जाती हैं। रावण भी कुटिया के भीतर प्रवेश करना चाहता है लेकिन लक्ष्मण रेखा को पार नहीं कर पाता। तब वो कुटिया के बाहर धूनी रमा कर बैठ जाता है। वो सीता से कुटिया के बाहर भोजन देने को कहता है। सीता के इनकार करने पर रावण स्वर्ण मृग के सींगों से राम की मृत्यु होने का श्राप देने का नाटक करता है। सीता घबड़ा कर लक्ष्मण रेखा से पार कर रावण के पास आ जाती हैं। तब साधुवेश रावण सीता से राम का त्यागकर कर लंकापति रावण के साथ विवाह करने का पाप वचन कहता है। रावण अपने असली स्वरूप में आता है और सीता का हरण कर विमान से लंका की ओर उड़ता है। सीता सहायता के लिये पुकारती है। जटायु आकाश मार्ग में रावण को रोकने का प्रयास करते हैं। दोनों के बीच संघर्ष होता है किन्तु रावण तलवार से जटायु के पर काटकर उन्हें धरती पर गिरा देता है। उधर राम और लक्ष्मण कुटिया में वापस आते हैं और सीता को वहाँ न पाकर उन्हें वन में चारों ओर खोजने निकलते हैं। आकाश मार्ग में रावण के आधीन सीता अपने आभूषण उतारकर पोटली में बांधती हैं और उसे नीचे फेंककर वनवासियों से कहती हैं कि यदि राम उन्हें खोजते हुए उधर आयें तो यह आभूषण दिखाकर रावण द्वारा उनके हरण की सूचना दें। रावण को भरोसा है कि कोई वनवासी राम को लंका का पता नहीं दे पायेगा लेकिन सीता को भी विश्वास है कि उनके स्वामी उनका पता खोज लेगें।

रामायण एक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है जो इसी नाम के प्राचीन भारतीय संस्कृत महाकाव्य पर आधारित है। यह श्रृंखला मूल रूप से 1987 और 1988 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित हुई थी। इस श्रृंखला के निर्माण, लेखन और निर्देशन का श्रेय श्री रामानंद सागर को जाता है। यह श्रृंखला मुख्य रूप से वाल्मीकि रचित 'रामायण' और तुलसीदास रचित 'रामचरितमानस' पर आधारित है।
इस धारावाहिक को रिकॉर्ड 82 प्रतिशत दर्शकों ने देखा था, जो किसी भी भारतीय टेलीविजन श्रृंखला के लिए एक कीर्तिमान है।

निर्माता और निर्देशक - रामानंद सागर
सहयोगी निर्देशक - आनंद सागर, मोती सागर
कार्यकारी निर्माता - सुभाष सागर, प्रेम सागर
मुख्य तकनीकी सलाहकार - ज्योति सागर
पटकथा और संवाद - रामानंद सागर
संगीत - रविंद्र जैन
शीर्षक गीत - जयदेव
अनुसंधान और अनुकूलन - फनी मजूमदार, विष्णु मेहरोत्रा
संपादक - सुभाष सहगल
कैमरामैन - अजीत नाइक
प्रकाश - राम मडिक्कर
साउंड रिकॉर्डिस्ट - श्रीपाद, ई रुद्र
वीडियो रिकॉर्डिस्ट - शरद मुक्न्नवार

Tilak is home to the greatest Mythological stories and finest devotional musical offerings in the form of Bhajan's, Mantra's and Aarti's. We plan to launch more than 20000+ Clips in the time to come. We are starting with the legendary TV series Ramayan.

In association with Divo - our YouTube Partner

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