केतु दूसरे भाव में,शुभ व अशुभ स्थिति,कारण और निवारण

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केतु दूसरे भाव में शुभ हो तो ,जातक को व्यापारिक यात्राएं करनी पड़ती है, जातक अपार धन और संपत्ति का स्वामी होता है ,जातक अपना धन हमेशा अच्छे कार्यों में लगाता है, जातक की युवावस्था के बाद का सारा समय सुख से व्यतीत होता है ।
केतु दूसरे भाव में ,अशुभ हो तो हमेशा अशुभ फल देता है ,जातक का बचपन तो अच्छा बीतता है, परंतु बाकी जीवन कष्ट में रहता है ,जातक अल्पायु होता है।
ऐसे जातकों को उल्लू का पंख, घर के मुख्य दरवाजे पर लटकाना चाहिए, कुत्ता पाल कर उसकी सेवा करनी चाहिए ,शरीर पर सोना धारण करना चाहिए, चंदन का तिलक लगाना चाहिए और सिर को हमेशा ढक कर रखना चाहिए।

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