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Скачать или смотреть मोक्ष नहीं, बुद्ध ने क्यों कहा निर्बाण?

  • Understanding Buddha's Teachings
  • 2025-08-24
  • 315
मोक्ष नहीं, बुद्ध ने क्यों कहा निर्बाण?
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Описание к видео मोक्ष नहीं, बुद्ध ने क्यों कहा निर्बाण?

निर्बाण (Nibbāna) और मोक्ष (Mokṣa) का अन्तर
१. वेदान्त परंपरा में मोक्ष

परिभाषा: वेदान्त (विशेषकर अद्वैत वेदान्त) में मोक्ष को आत्मा और ब्रह्म के ऐक्य (अद्वैत) की अनुभूति कहा गया है। यहाँ यह माना जाता है कि जीवात्मा (individual self) वास्तव में ब्रह्म (universal self) ही है।

पद्धति: वेदान्त का दृष्टिकोण टॉप-डाउन है। पहले ही सर्वोच्च सत्य की परिभाषा कर दी जाती है — “अहं ब्रह्मास्मि”, “तत्वमसि” आदि महावाक्य। साधना का उद्देश्य उस परिभाषित शिखर तक पहुँचना है।

लक्ष्य: जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति, शाश्वत आत्मस्वरूप की अनुभूति और ब्रह्म के साथ एकत्व।

२. बुद्ध के उपदेशों में निर्बाण

परिभाषा: बुद्ध ने निर्बाण को तृष्णा, द्वेष और मोह की पूर्ण शांति बताया — “taṇhāya asesavirāganirodho — nibbānaṁ” (तृष्णा का संपूर्ण विराम ही निर्बाण है)।

पद्धति: बुद्ध का दृष्टिकोण बॉटम-अप है। उन्होंने किसी सर्वोच्च परमात्मा या आत्मा की परिभाषा से शुरुआत नहीं की, बल्कि प्रत्यक्ष अनुभव के आधार पर जीवन के दुख को सामने रखकर उसकी जड़ों का विश्लेषण किया —

दुःख → दुःखसमुदय → दुःखनिरोध → दुःखनिरोधगामिनी पटिपदा।

लक्ष्य: क्लेशों और उपादानों का अंत, प्रतिच्चसमुप्पाद के जाल से विमुक्ति, और एक ऐसी अवस्था जिसमें न कोई स्थायी आत्मा है और न कोई शाश्वत ब्रह्म का सहारा।

३. मुख्य भिन्नता

वेदान्त: पहले से परिभाषित शिखर (ब्रह्म) है, और साधक को उस “परम” तक पहुँचना है। यह अधिक दार्शनिक परिभाषा से व्यावहारिक यात्रा है।

बुद्धधम्म: कोई पूर्व-परिभाषित शिखर नहीं दिया गया। केवल “यह दुःख है, यह उसका कारण है, यह उसका अंत है” से शुरुआत करते हुए व्यावहारिक अनुभव से क्रमशः मुक्ति का मार्ग बताया गया। यह अधिक अनुभव से अनुभव की ओर यात्रा है।

४. निष्कर्ष

मोक्ष: आत्मा का ब्रह्म के साथ मिलन, शाश्वत अद्वैत अनुभूति।

निर्बाण: तृष्णा-द्वेष-मोह का क्षय, शर्तबद्ध अस्तित्व (संसार) से विमुक्ति, अनासक्ति की पूर्ण शांति।

इस प्रकार, वेदान्त शिखर को परिभाषित कर वहाँ पहुँचने को कहता है, जबकि बुद्धधम्म जड़ (दुःख) से शुरुआत कर क्रमशः ऊपर उठते हुए उस बंधन से छूटने का मार्ग दिखाता है।

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