गुलामगिरी ॥ आधुनिक भारत के हर घर में क्यों होनी चाहिए ॥ किताबों की पाठशाला Ep. 1 ॥ Dr. Laxman yadav

Описание к видео गुलामगिरी ॥ आधुनिक भारत के हर घर में क्यों होनी चाहिए ॥ किताबों की पाठशाला Ep. 1 ॥ Dr. Laxman yadav

#Gulamgiri #Jyotibaphule​ #SocialJustice​ #KrantiJyotiPhule​ #Samajik_Nyay_ki_Pathshala​ #Kitabon_ki_Pathshala​ #Ep​. 1

'सामाजिक न्याय' असल मायने में राष्ट्र निर्माण की अनवरत गतिशील प्रक्रिया का प्रतिनिधि व मुक़म्मल विचार है. सामाजिक न्याय के असल मायने हैं- सामाजिक, आर्थिक व लैंगिक न्याय. यानी सामाजिक न्याय का मतलब है हर किस्म की अलहदा पहचान के साथ उसके हिस्से का पूरा न्याय. हर तरह की हक़मारी के ख़िलाफ़ सम्पूर्ण न्याय का हिमायती विचार है 'सामाजिक न्याय.' इस विचार को उसकी समग्रता में सहेजने की कोशिश है- 'सामाजिक न्याय की पाठशाला.'

'सामाजिक न्याय की पाठशाला' के ज़रिए राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में सामाजिक न्याय के ऐतिहासिक पन्नों को नयी पीढ़ी ले लिए नए फॉर्मेट में सहेजने की कोशिश की जा रही है. इस बार इस पाठशाला में दो मुख्य अध्याय होंगे, व्यक्तित्वों की पाठशाला और किताबों की पाठशाला. आज ज्योतिबाफुले पर इन दोनों की शुरूआत हो रही. इसी पैटर्न पर इस सिलसिले को अब आगे धारावाहिक रूप में चलाते रहने की कोशिश की जाएगी.

वैचारिक चुनौतियों को वैचारिक ज़मीन पर ही स्वीकारा जा सकता है. अमानवीय, विभाजनकारी, प्रतिगामी, अवैज्ञानिक, अन्यायी व हिंसा पर आधारित विचारों को मानवीय, समावेशी, प्रगतिशील, वैज्ञानिक, न्यायप्रिय व अहिंसक मोहब्बत के विचारों से ही शिकस्त दी जा सकती है. कोई भी सामाजिक, सांस्कृतिक समावेशन की लड़ाई स्पष्ट वैचारिकी के लड़ी ही नहीं जा सकती.

एक मुक़म्मल विचार पर खड़ा देश व समाज ही स्थिर, न्यायप्रिय व प्रगतिशील हो सकता है. 'सामाजिक न्याय की पाठशाला' का मक़सद सामाजिक न्याय पर आधारित देश व समाज बनाने में अपनी भूमिका निभाना है. इतिहास का समग्र पाठ रचना है. अगर आप भी इस पाठशाला के नियमित पाठक बनना चाहते हैं, तो आज ही मेरे चैनल तक घूम आइए. काम अच्छा व ज़रूरी लगेगा, तो आप बिना कहे जुड़ ही जाएंगे.

#सामाजिक_न्याय_की_पाठशाला

-----------------------------------------------------
डॉ. लक्ष्मण यादव

दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाला एक अस्थाई (एडहॉक) असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हूँ. सामाजिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक मसलों पर सोचना, समझना, पढ़ना, लिखना, बोलना और बातें करना अच्छा लगता है. सामाजिक न्याय की वैचारिकी से बेहद प्रभावित हूँ. सामाजिक न्याय के भीतर आर्थिक और लैंगिक न्याय को मानता हूँ. न्याय, समता पर आधारित मोहब्बत की दुनिया का ख़्वाब देखता हूँ. अगर आप भी मेरे हमख़्वाब होना चाहते हैं, तो मुझसे जुड़िये.

मेरे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कीजिए और बेल आइकॉन को दबाइए-    / @drlaxmanyadav  

ट्वीटर पर भी जुड़िये, इस लिंक पर जाइए-   / drlaxmanyaadav  

फ़ेसबुक पेज़ पर भी आप हमसे जुड़ेंगे तो अच्छा लगेगा-   / dr.laxman.yadav.1988  

इन्स्टाग्राम पर भी आप मुझसे जुड़ सकते हैं-   / drlaxmanyaadav  

Комментарии

Информация по комментариям в разработке