🌲🌲शान् ऐ चौहारघाटी .— चार छोटी घाटी(हस्तपूर,अमरगढ़,देवगढ़,कूटगढ़) से मिलकर बनी चौहारघाटी|जिसे देवघाटी से भी जाना जाता है|
हस्तपूर : चौहारघाटी का सबसे बड़ा गढ़ है|हस्तपूर में देव श्री हुरंग नारायण मंदिर,देव श्री पेखरा गहरी मंदिर,देवऋषि कपलधारी गहरी मंदिर,महाऋषि शिल्ह गहरी मंदिर, जय माँ गढ़ावाली कुष्टमहाजनी ज्ञाषीजोगणी मंदिर (फरेहड़) हैं|चौहारघाटी की अंतिम सीमा से ही कुल्लू जिला की सीमा लगती हैं ꫰भूभू जोत, महाजनी,बष्टारू टोप,हाथीपूर,उदयपूर के साथ छोटी छोटी पहाड़िया बहुत ही सुन्दर ओर मन को अपनी ओर आकर्षित करती है꫰
अमरगढ़ :-देव श्री घड़ौनी नारायण मंदिर,महामाई भद्राकाली मंदिर,महाऋषि द्रूण गहरी मंदिर,महादेव त्रैला गहरी मंदिर,माँ नौणी भगवती मंदिर(शगनाल),तिराचाणी मंदिर (सरनी)गुरू नानक जी का दरबार बल्ह में है|
देवगढ़ :- पहाड़ी वज़ीर देव पशाकोट मंदिर (मंठीबजगान,देवढांक,नालाडेहरा,)चौहारघाटी की आराध्य देवी माँ फूगणी मंदिर (पचोड़) माँ नौणी भगवती (समालंग) माँ घूघतोसनी मंदिर हैं|
कूटगढ़ :-मंडी जिले का सबसे ऊँचा गाँव रुलंग और बरोट कूटगढ़ में आता है|देव श्री गलू गहरी मंदिर बहुत ही सुन्दर है|
बरोट : वैसे तो लगभग पूरा हिमाचल प्रदेश पर्यटन के लिए विख्यात है परन्तु कुछ ऐसे स्थल हैं जिनको पर्यटन की दृष्टि से उतना श्रेय व प्रोत्साहन नहीं मिला जिसके वे हकदार हैं. ऐसा ही एक स्थानं है जिला मंडी की चौहार घाटी में स्थित बरोट. चंडीगढ़-मनाली हाईवे पर स्थित मंडी से महज 66 किलोमीटर दूर स्थित बरोट देवदार के घने जंगलों से घिरा हुआ एक अत्यंत सुन्दर स्थान है. इस गाँव का सुरम्य आकर्षण पर्यटकों के इन्तजार में रहता है|बरोट में उहल नदी पर शानन में बनी पनबिजली परियोजना के दो जलाशय स्थित हैं. यहाँ ट्राउट प्रजनन केंद्र है. उहल नदी के उस पार जंगली जीव अभ्यारण्य नारगू स्थित है जहाँ घोरल, हिमालयन काला भालू, चीता, चील, बन्दर, कस्तुरी मृग, जंगली बिल्ली, नीलगाय, कक्कड़, तीतर आदि जानवर व पक्षी पाए जाते हैं. हर वर्ष यहाँ नजदीकी राज्यों पंजाब व हरियाणा से सैंकड़ों पर्यटक घूमने आते हैं.
औषधीयो की घाटी 🍃🍂☘🌿🌱
यहाँ के पहाड़ों में औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी बूटियां पाई जाती हैं तथा इनका प्रयोग दवाइयों के लिए किया जाता है|
Uhl And Lamba Dag River In Barot Valley
बरोट में ऊहल नदी और लम्बाडग धाराएँ मिल कर ऊहल नदी का निर्माण करती हैं|
बरोट ट्राउट मछली🐳🐋🐬🐟🐟
बरोट में ट्राउट प्रजनन केंद्र है जहाँ से मछलियाँ उहल नदी में छोड़ी जाती हैं. उहल नदी का लगभग 30 किलोमीटर का क्षेत्र मछली पकड़ने के लिए उपयुक्त स्थान है|
अद्भुत दृश्यों से भरा है यह स्थान
बरोट ‘नारगु’ जंगली जीव अभ्यारण्य(sanctuary) के लिए प्रवेशद्वार का काम करता है. यहाँ कई प्रकार के जंगली जीव पाए जाते हैं. इसके साथ साथ शानदार देवदार और चील के पेड़ों से गुजरते और थलटूखोड़ और शिल्हबधानी गाँव से होते हुए यह मार्ग कुल्लू के लिए जाता है|मछली पकड़ने, पर्वतारोहण के लिए जाना जाने वाला बरोट का यह सुन्दर स्थान अदभुत दृश्यों से भरा हुआ है. वन्यजीवन का रोमांच हो या एकांत वातावरण हो यह स्थान गागर में सागर भरने जैसा है|
देव पशाकोट मंदिर – यह मंदिर टिक्कन पुल के समीप, लगभग 1 किलोमीटर, है| देव पशाकोट चौहार घाटी के देवता हैं|लोग यहाँ पूजा करने, मन्नत मांगने, स्थानीय समस्याओं के परामर्श एवं समाधान के लिए देवता के पास आते हैं|वे धन्यवाद करने व पिकनिक मनाने के लिए यहाँ आते हैं| मंदिर के चारों और सुन्दर दृश्यावली है| पास ही छोटी जलधारा बहती है. बहुत ही रमणीय व रोमांचक जगह है|
लोहारड़ी और छोटा भंगाल – कांगड़ा जिले के छोटा भंगाल में लोहारड़ी नामक अंत्यत सुन्दर गाँव स्थित है| छोटा भंगाल हिमाचल प्रदेश के दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों में गिना जाता है|इस घाटी को ‘लघु कश्मीर’ भी कहा जाता है|इस घाटी के लोगो की अनूठी संस्कृति, परम्पराए, खानपान व पहनावा है. काँगड़ा के बाकी क्षेत्रों के साथ यहाँ की परम्पराएं व पहनावा मेल नहीं खाता|यही भिन्नता इस घाटी को विशिष्ठ बनाती है.
डैहनासर – 14000 फीट (4150 मीटर) ऊंचाई पर एक रमणीक झील है जिसे पवित्र झील डैहनासर के नाम से जाना जाता है. इस स्थान की यात्रा अगस्त और सितम्बर के महीने में शुरू होती है. माना जाता है कि हनुमान यहाँ एक बार यहाँ रुके थे और एक डायन का अंत किया था|चौहारघाटी मैं स्थित डायनासर जहाँ भादो 20 को पवित्र स्नान किया जाता है इस जगह पर साक्षात भोले बाबा शिव जी का आशीर्वाद है और मानते है कि सबसे पहले शिव जी ही इस झील में स्नान करते है उसके बाद वहाँ आये श्रद्धालु ।ओर इस जगह पर एक फूल भी होता है जिसको घुघुमाणि के नाम से जाना जाता है ओर उसे कलियुग की संजीवनी बूटी भी कहा जाता है। ऐसी है हमारी चौहारघाटी जहाँ साक्षात भगवान रहते है और इतनी सुंदर जगह है जो एक बार यहाँ आ जाता है कभी भूलता नहीं है यहाँ की सुंदरता को। हमें गर्व है चौहारघाटी पर। धन्यवाद।#Hurang narayan kae pujari
Информация по комментариям в разработке