52 शक्तिपीठों में से मां तारा और बामाखेपा की कथा।स्वयं अपने हाथ से बामखेपा भोजन खिलाती थी माँ तारा

Описание к видео 52 शक्तिपीठों में से मां तारा और बामाखेपा की कथा।स्वयं अपने हाथ से बामखेपा भोजन खिलाती थी माँ तारा

52 शक्ति पीठों में से मां तारा और बामाखेपा की कथा। माँ तारा स्वयं अपने हाथ से भोजन खिलाती थी |
ऐसा माना जाता है कि तारा माई खुद बामाखेपा के हाथ से प्रसाद ग्रहण करती थी । ऐसे अद्भुत ढंग से बामाखेपा तारा माई के पूजन करते जिसका कोई नियम नहीं था । कभी सुबह 4 बजे पूजा चल रही है तो कभी दोपहर 12 बजे तक पूजा प्रारंभ नहीं होती । क़भी रात भर पूजा चल रही है तो कभी पूरे दिन भर मंदिर की ओर बामाखेपा के दर्शन ही नहीं होते थे । उनकी पूजन विधि लोगों को पसंद नहीं थी ,लेकिन उनके पास कोई उपाय नहीं था , क्योंकि रानी का फरमान था । बामाखेपा अपनी मस्ती में जीते थे और लोग उन्हें नीचा दिखाने का रास्ता खोजते ।

Комментарии

Информация по комментариям в разработке