Besabab Ghar Se Nikalne Ki Zaroorat Kya Hain | Ghazal | KAAMOD SUBHASH

Описание к видео Besabab Ghar Se Nikalne Ki Zaroorat Kya Hain | Ghazal | KAAMOD SUBHASH

बेसबब घर से निकलने की ज़रुरत क्या हैं
मौत से आँख मिलाने की ज़रुरत क्या हैं

सबको मालूम है बाहर की हवा है क़ातिल
यूँ ही क़ातिल से उलझने की ज़रूरत क्या हैं

दिल बहलने के लिये घर में वजह काफी हैं
यूँ ही गलियों में भटकने की ज़रुरत क्या हैं

दूर से ही तुम मुलाक़ात करो लोगों से
हाथ से हाथ मिलाने की ज़रुरत क्या हैं

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