साधक संजीवनी का विवेचन, स्वामीजी के व्याख्या अनुसार, तत्पश्चात परमसेवा 9.10 से 9.30 तक

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गीता परिवार द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता के प्रचार का मुख्य आधार परम श्रद्धेय सेठ जी श्री जयदयाल जी गोयन्दका की गीता टीका तत्व विवेचनी , परम श्रद्धेय स्वामी जी श्री रामसुखदास जी महाराज की साधक संजीवनी है। संस्थान गीता प्रेस एवं गीता प्रकाशन की अमूल्य आध्यात्मिक पुस्तकों के प्रचार प्रसार में भी संलग्न है।

गीता परिवार परम सेवा सेवक दल के माध्यम से मरणासन्न व्यक्ति को अंतिम समय में भगवन्नाम, गीता जी, रामायण इत्यादि का पाठ सुना कर भगवद स्मृति कराने का नॉवेल कार्य भी कर रहा है।

यदि आप भगवान श्री कृष्ण की वाणी गीता (18.68 व 18.69) के आधार पर भगवान की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं अर्थात गीता प्रचार प्रसार में अपना योगदान देना चाहते हैं अथवा गीता समझकर अपने कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना चाहते हैं तो आपका स्वागत है। कृपया अपना नाम 98290 69144 पर व्हाट्सएप कर दें।

गीता परिवार निरंतर संत महात्माओं के प्रवचन कार्यक्रम भी आयोजित करता है ताकि भगवान एवं संतों की वाणी से हमारे जीवन की निराशा, हताशा, दुख, पीड़ा, संताप, चिंता समाप्त हो जाये एवं हम आनंद पूर्वक जीवन जीकर अपने परम लक्ष्य की प्राप्ति में सफल हो पाए।

सभी भगवदभक्तों के चरणों में साष्टांग दंडवत प्रणाम सहित

--हम हैं गीता परिवार के किंकर 🙏🙏🙏🙏

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