खोरठा क्लास || A.K.Jha जीवन परिचय || JTET & Others khortha Exam.
डॉ. A.K. Jha (अजीत कुमार झा) – जीवन परिचय
1. व्यक्तिगत परिचय
पूरा नाम: अजीत कुमार झा
उपनाम: ‘झारपात’, ‘वेदरवाइज’
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जन्म: 20 जून 1939, ग्राम चंडीपुर, थाना-कसमार, जिला बोकारो (झारखंड)
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मृत्यु: 29 सितंबर 2013
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2. शिक्षा एवं पेशा
शैक्षिक योग्यता: B.Sc. (विज्ञान), इंटर और मैट्रिक — संत कोलम्बस महाविद्यालय, हजारीबाग से
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करियर:
विज्ञान शिक्षक (हाई स्कूल में)
पतरातु थर्मल पावर स्टेशन (PTPS), रामगढ़ में स्टोर कीपर—30 जून 1999 को सेवानिवृत्त
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3. साहित्यिक एवं भाषावैज्ञानिक योगदान
बहुभाषाविद्: खोरठा के साथ-साथ हिंदी, अंग्रेजी, बंगला, संथाली, मुंडारी, नागपुरी, पंचपरगनिया, कुरमाली में पारंगत
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'माय, माटी, मानुस और मातृभाषा' सिद्धांत: यह सूत्र उनके साहित्य जगत का मूल मज़बूत आधार था, जिसने खोरठा साहित्य को समाजविज्ञान के रूप में मजबूत किया
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धरा‑गगन सिद्धांत: मौसम और साहित्य विज्ञान का मनोहनमय मिश्रण—इन्होंने इसे प्रतिपादित किया
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संघर्ष और मान्यता: खोरठा को विश्वविद्यालय-स्तर पर मान्यता दिलाने में सक्रिय; साहित्य और भाषा आंदोलन में सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष किया
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4. प्रमुख साहित्यिक कृतियाँ
रचनाएँ (एकल/कविता/नाटक):
खोरठाक काठें पइदेक खंडी (एकल कविता संग्रह)
खोरठाक काठें गइदेक खंडी (निबंध संग्रह)
स समाजेक सरजुइत निसइन (प्रबंध काव्य)
कविता पुराण (बाल कविता संग्रह)
सइर सगरठ (उपन्यास)
मेकामेकी न मेटमाट (नाटक)
खोरठा रस, छंद, अलंकार; खोरठा सहित सदानिक व्याकरण
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खोरठा भाषा का वैज्ञानिक अध्ययन (2012)
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5. संपादन एवं संस्थापना
पत्रिका 'तितकी':
1983–87: डॉ. A.K. Jha द्वारा संपादित, कोठार (रामगढ़) से प्रकाशित—a खोरठा आंदोलन को धार देने वाली भूमिका
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संस्थाएँ:
खोरठा ढाकी छेतर कमिटी, कोठार (अध्यक्ष)
खोरठा साहित्य संस्कृति परिषद, बोकारो (पूर्व अध्यक्ष)
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6. सम्मान और प्रतिष्ठा
सम्मान: श्री निवास पानुरी सम्मान, सपूत सम्मान, डॉक्टरेट (मानद), महादेशोत्तम शताब्दी रत्न (वेदरवाइज)
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साहित्य आंदोलन में अवदान के कारण—'खोरठा युग' के अग्रदूत माने गए
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7. सामाजिक संघर्ष
लोक-हित के अभियान:
1970 में महाजन जुल्म का विरोध; बैंक मैनेजर ‘बाहर निकलो अभियान’, रूढ़िवाद का विरोध
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मार्क्सवादी दृष्टिकोण: साहित्य और सामाजिक न्याय की संयुक्त दृष्टि के साथ खोरठा को सांस्कृतिक आंदोलन का हिस्सा बनाना
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सारांश तालिका
श्रेणी विवरण
जन्म—मृत्यु 20 जून 1939 — 29 सितंबर 2013
शिक्षा/करियर B.Sc., विज्ञान शिक्षक, PTPS स्टोर कीपर
साहित्य दृष्टिकोण “माय, माटी, मानुस, मातृभाषा” सिद्धांत
प्रमुख रचनाएँ कविता, निबंध, उपन्यास, नाटक, व्याकरण
संपादन/संस्था 'तितकी' पत्रिका, खोरठा संगठनात्मक संस्थाएं
सम्मान कई साहित्यिक/सांस्कृतिक पुरस्कार
आंदोलन सामाजिक न्याय और भाषा आंदोलन में सक्रिय भूमिका
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