महिला पुरुष को हार्ट अटैक क्यों होता है?
कारण, चेतावनी इलाज!
हार्ट अटैक क्यों होता है ?
हार्ट अटैक का मुख्य कारण?
हार्ट की बीमारी क्यों होती है?
हार्ट की बीमारी का कैसे पता करें?
हार्ट अटैक से पहले क्यां संकेत होते हैं?
महिलाओं में हार्ट अटैक के क्या संकेत होते है?
महिलाओं को हार्ट क्यों होता है?
महिलाओं को हार्ट अटैक कैसे होता है?
महिलाओं में हार्टअटैक के संकेत?
क्यों होता है महिलाओं में हार्टअटैक?
महिलाओं में हार्टअटैक का मुख्य कारण?
महिलाएं 55वर्ष पुरुष 41वर्ष से अधिक होते ही दिल का दौरा पड़ने की संभावनाएं हैं जाती है।
व्यस्ततम जीवनशैली के कारण अनियमित खानपान जंक फूड जीभ के चक्कर में हमारा भोजन दिल के दौरे का कारण बनता है।
हार्ट अटैक के लक्षण।
हमारी व्यस्तम जीवनशैली , आहार, अनुवांशिक,बीपी,नशा, मानसिक तनाव आदि।
अनुवांशिक।
अनुवांशिक यनी दिल के दौरे का जोखिम विरासत में भी मिल सकता है।
बीपी
ज्यादा बीपी की वजह से हदय पर दबाव बढ़ जाने के कारण दिल के दौरे पड़ने खतरू हो जाता है।
नशा।
धुम्रपान ,शराब,बीड़ी, सिगरेट, गुटका, कोई भी मादक पदार्थ का सेवन करने से दिल का दौरे, पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
मानसिक तनाव।
आप जो भी तनाव पूर्ण कार्य करते हैं।या फिर अपने व्यक्तिगत जीवन में लंबे समय तक तनावपूर्ण से गुजरते हैं।तो दिल के दौरे का सामना करना पड़ा सकता है।
एंजाइना दिल में आक्सीजन की कमी , अधिक कोलेस्ट्रॉल का स्तर ओर शरीर की निष्क्रियता, डायबिटीजदिल के दौरे का कारण बनते हैं।
लक्षण
दिल का दौरे वाले लक्षण कुछ विशेष प्रकार के होते हैं। लेकिन पिछली बार पड़े दौरे से अलग हो सकते हैं।
छाती पर दबाव दिल के दौरान पड़ने का सबसे समान्य लक्षण है। महिला पुरुष में लक्षण अलग अलग हो सकते हैं।
महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण।
महिलाओं के सीने ओर स्तन में दर्द,शरीर के उपरी भाग गर्दन,पीठ,दांत, भुजाएं, कंधे की हड्डी में तेज दर्द, चक्कर आना, बेचैनी,सिर गुमनाम,जी मिचलाना,उल्टे,पेट खराब होना।
पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षण
परुष, महिलाओं के हार्टअटैक के कुछ लक्षण सामान्य हो सकते हैं।
लगातार खर्राटे लेना ,होते समय प्रयाप्त मात्रा में आक्सीजन नहीं खींच पाना,नींद पूरी न होना, टहलने पर पैरों में दर्द होना, नशों का सिकुड़ जाना,
सीने में जकड़न,बेचैनी,सांसों का तेजी से चलना, चक्कर के साथ पशिने आना ,नब्ज कमजोर पड़ जाना, आदि
उपचार
दिल के दौरे का संकेत मिलते ही नजदीक में हार्ट के डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
ई सी जी,चेस्ट एक्स रे, इकोकार्डियोग्राम, एंजियोग्राफी,सीटी या एम आर आदि जांच करवानी चाहिए।
घरेलू उपचार
सबसे पहले अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना होगा।
योगा व मेडिटेशन करना चाहिए।घर परिवार को भी समय देना चाहिए।अपने मेटाबॉलिज्म ओर शारीरिक संक्रियत के अनुसार ही कैलोरी वाला भोजन लेना चाहिए।
संतुलित व पौष्टिक आहार लेना चाहिए।
तला भुना छोड़ हरी पत्तेदार सब्जियां फल लेना चाहिए।
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