Hanuman Chalisa | Ruchita Prajapati | Hindi Hanuman Chalisa |

Описание к видео Hanuman Chalisa | Ruchita Prajapati | Hindi Hanuman Chalisa |

‪@meshwaLyrical‬
Presenting : Hanuman Chalisa | Ruchita Prajapati | Hindi Hanuman Chalisa |

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Audio Song : Hanuman Chalisa
Singer : Ruchita Prajapati
Remix : @DJ Glory
Genre : Hindi Bhakti Song
Deity : Hanumanji
Festival : Hanuman Jayanti
Label :Meshwa Electronics

दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारी |
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु चारि ||

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार |
बल बुद्धि बिधा देहु मोहिं, हरहु कलेश बिकार ||

चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर |
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर || १ ||

राम दूत अतुलित बल-धामा |
अंजनी पुत्र पवनसुत नामा || २ ||

महाबीर बिक्रम बजरंगी |
कुमति निवार सुमति के संगी || ३ ||

कंचन बरन बिराज सुबेसा |
कानन कुण्डल कुंचित केसा || ४ ||

हाथ बज्र और ध्वजा बिराजै |
कॉधे मुँज जनेऊ साजै || ५ ||

शंकर सुवन केसरी नंदन |
तेज प्रताप महा जग वन्दन || ६ ||

विधावान गुनी अति चातुर |
राम काज करिबे को आतुर || ७ ||

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया |
राम लखन सीता मन बसिया || ८ ||

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा |
बिकट रूप धरि लंक जरावा || ९ ||

भीम रूप धरि असुर संहारे |
रामचंद्र के काज संवारे || १० ||

लाय सजीवन लखन जियाये |
श्री रघुबीर हरषि उर लाये || ११ ||

रघुपति किन्ही बहुत बड़ाई |
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई || १२ ||

सहस बदन तम्हरो जस गावै |
अस कहि श्रीपति कंठ लगावै || १३ ||

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा |
नारद शारद सहित अहीसा || १४ ||

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते |
कबि कोबिद कही सके कहाँ ते || १५ ||

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा |
राम मिलाय राज पद दीन्हा || १६ ||

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना |
लंकेश्वर भए सब जग जाना || १७ ||

जग सहस्त्र जोजन पर भानु |
लील्यो ताहि मधुर फल जानु || १८ ||

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही |
जलधि लॉधि गये अचरज नाही || १९ ||

दुर्गम काज जगत के जेते |
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते || २० ||

राम दुआरे तुम रखवारे |
होत न आज्ञा बिनु पैसारे || २१ ||

सब सुख लहै तुम्हारी सरना |
तुम रक्षक कहु को डर ना || २२ ||

आपन तेज सम्हारो आपै |
तीनों लोक हॉक ते कॉपै || २३ ||

भुत पिसाच निकट नहीं आवै |
महाबीर जब नाम सुनावै || २४ ||

नासै रोग हरे सब पीरा |
जपत निरन्तर हनुमंत बीरा || २५ ||

संकट तें हनुमान छुड़ावै |
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै || २६ ||

सब पर राम तपस्वी राजा |
तिनके काज सकल तुम साजा || २७ ||

और मनोरथ जो कोई लावै |
सोई अमित जीवन फल पावै || २८ ||

चारों जुग प्रताप तुम्हारा |
है परसिद्ध जगत उजियारा तुम्हारा || २९ ||

साधु संत के तुम रखवारे |
असुर निकंदन राम दुलारे || ३० ||

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता |
अस बर दिन जानकी माता || ३१ ||

राम रसायन तुम्हरे पासा |
सदा रहो रघुपति के दासा || ३२ ||

तुम्हरे भजन राम को पावै |
जनम जनम के दुःख बिसरावै || ३३ ||

अंत काल रघुबर पुर जाई |
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई || ३४ ||

और देवता चित्त न धरई |
हनुमंत सेई सुख करई || ३५ ||

संकट कटै मिटै सब पीरा |
जो सुमिरै, हनुमंत बलबीरा || ३६ ||

जै जै जै हनुमान गोसाई |
कृपा करहु गुरु देव की नाई || ३७ ||

जो सत बार पाठ करे कोई |
छूटहि बन्दि महा सुख होई || ३८ ||

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा |
होय सिद्धि सखी गौरीसा || ३९ ||

तुलसीदास सदा हरि चेरा |
कीजै नाथ हृदय महा डेरा || ४० ||

पवनतनय संकट हरन, मंगल मूर्ति रूप |
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ||

|| सियावर रामचंद्र की जय ||
|| पवनसुत हनुमान की जय ||

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