क्यों सोच करे मन मूरख, दयालबाग पाठ

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राधास्वामी दयाल की दया राधास्वामी सहाय
क्या सोच करे मन मूरख।
प्यारे राधास्वामी हैं रखवारे ॥ टेक ॥
जनमा तब दूध दियो तोहि।
माता गोद पलाया॥
सर्ब भाँति तेरी रक्षा कीन्ही।
चरनन मेल मिलाया ॥
रहा था फँस नौ द्वारे ॥१॥
🙏🙏 पोथी - "प्रेम बानी" भाग - 4
पृष्ठ - 27
🙏🙏राधास्वामी🙏🙏

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