महादेवी वर्मा साहित्य यामा (नीहार) निश्वासों का नीड़, निशा का। हिंदी कविता।#hindi।#mahadevi
mahadevi varma sahitya yaama nihar
mahadevi verma yaama
MAHADEVI VARMA YAAMA
MAHADEVI VERMA YAMA NIHAR
HINDI KAVITA
NISVASON KA NID NISHA KA
कितना अस्थिर है संसार
कितना पागल है संसार
कितना मादक है संसार
कितना मतवाला है संसार
#poetry
#poem
#poems
#verma
#sahitya
#kavya
#youtube
#video
#trending
लिरिक्स
निश्वासों का नीड़, निशा का
बन जाता जब शयनागार,
लुट जाते अभिराम छिन्न
मुक्तावलियों के बन्दनवार,
तब बुझते तारों के नीरव नयनों का यह हाहाकार,
आँसू से लिख लिख जाता है 'कितना अस्थिर है संसार!'
हँस देता जब प्रात, सुनहरे
अंचल में बिखरा रोली,
लहरों की बिछलन पर जब
मचली पड़तीं किरणें भोली,
तब कलियाँ चुपचाप उठाकर पल्लव के घूँघट सुकुमार; छलकी पलकों से कहती हैं 'कितना मादक है संसार !'
देकर सौरभ-दान पवन से
कहते जब मुरझाये फूल,
'जिसके पथ में बिछे वही
क्यों भरता इन आँखों में धूल !'
'अब इनमें क्या सार' मधुर जब गाती भौंरों की गुञ्जार, मर्मर का रोदन कहता है 'कितना निष्ठुर है संसार !'
स्वर्ण वर्ण से दिन लिख जाता
जब अपने जीवन की हार,
गोधूली, नभ के आँगन में
देती अगणित दीपक बार,
हँस कर तब उस पार तिमिर का कहता बढ़ बढ़ पारावार, 'बीते युग, पर बना हुआ है अब तक मतवाला संसार !'
स्वप्नलोक के फूलों से कर
अपने जीवन का निर्माण,
'अमर हमारा राज्य' सोचते
हैं जब मेरे पागल प्राण,
आकर तब अज्ञात देश से जाने किसकी मृदु झंकार,
गा जाती है करुण स्वरों में 'कितना पागल है संसार !'
कविता संकलन यामा महाकाव्य महादेवी वर्मा
प्रस्तुति ---_हरेंद्र कुमार सिंह
Please like share comment and SUBSCRIBE CHANNEL 🙏 🙂 🙂
link
/ @kaimoorilaalpoetry
bindass kavya gaming, bindass kavya latest, bindass kavya new song, hindi kavita, hindi rhymes collection, hindi rhymes playlist, kavita, kids rhymes hindi, mahadevi verma, mahadevi verma ka jeevan parichay, mahadevi verma ka jivan parichay, mariama ceesay, set india new show, shorts, veer ras kavita, भारतीय कविता, भारतीय साहित्य, महादेवी वर्मा, महादेवी वर्मा का जीवन परिचय, हिंदी कविता, हिंदी कविताएँ, हिंदी साहित्य
Информация по комментариям в разработке